मोदी फिर से एनडीए के नेता चुने गए
नई दिल्ली | डेस्क: नरेंद्र मोदी को एक बार फिर एनडीए ने अपना नेता चुना है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बुधवार को नई दिल्ली में एनडीए के घटक दलों की बैठक हुई, जिसमें ये फ़ैसला लिया गया.
बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, “मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार भारत के गरीब-महिला-युवा-किसान और शोषित, वंचित व पीड़ित नागरिकों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत की विरासत को संरक्षित कर देश के सर्वांगीण विकास हेतु एनडीए सरकार भारत के जन-जन के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कार्य करती रहेगी.”
इस बैठक में नरेंद्र मोदी समेत कुल 21 नेता शामिल थे.
इनमें जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे, एचडी कुमारस्वामी, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, पवन कल्याण, सुनील ततकरे, अनुप्रिया पटेल, जयंत चौधरी, प्रफुल्ल पटेल, प्रमोद बोरो, अतुल बोरा, इंद्र हंग सुब्बा, सुदेश महतो, राजीव रंजन सिंह, संजय झा भी थे.
इधर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेताओं के साथ बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि दो घंटों तक राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई और कई सुझाव मिले.
उन्होंने कहा कि इस बैठक का निष्कर्ष ये निकला कि हम सबको एक आवाज़ में ये कहना चाहिए, “इंडिया गठबंधन जनता से मिले भारी समर्थन के लिए धन्यवाद कहता है. जनता के जनादेश ने भाजपा और उसकी नफ़रत, भ्रष्टाचार की राजनीति को करारा जवाब दिया है.”
“ये जनादेश भारत के संविधान की रक्षा, महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ और लोकतंत्र को बचाने के लिए है. इंडिया गठबंधन मोदी की अगुवाई में बीजेपी के फ़ासीवादी शासन के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रखेगा.”
दूसरी ओर नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए का नेता चुने जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे फर्जीवाड़ा कहा है.
बुधवार को हुई एनडीए की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी को नेता चुने जाने से संबंधित प्रस्ताव को शेयर करते हुए जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “यह प्रस्ताव फर्जीवाड़े की पराकाष्ठा है.”
उन्होंने लिखा, “कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने ‘मोदी की गारंटी’ का भौकाल बनाकर सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने नाम पर वोट मांगा था, जिसे हमारे देश की जनता ने नकार दिया. अब अचानक उन्होंने मुर्दा एनडीए में जान फूंकने की कोशिश की है.”