महंगाई पर मोदी मंथन
नई दिल्ली | संवाददाता: कमजोर मानसून के चलते 500 जिलों के लिये आपात योजना तैयार की गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महंगाई से निपटने तथा खराब मानसून की संभावना को देखते हुए आपात योजना की समीक्षा की है. यह बैठक प्रधानमंत्री के निवास सात रेस कोर्स रोड में हुई. जिसमें कृषि, खाद्य आपूर्ति जल संसाधन, पशुपालन और रसायन एवं उर्वरक विभागों के सहयोग से इसे क्रियान्वित करने की बात की गई है.
खराब मानसून की हालत में सूखे से मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री के साथ बैठक में हिस्सा लेने अनंत कुमार, उमा भारती, राम विलास पासवान और राधा मोहन सिंह पहुंचे थे. खबरों के अनुसार सूखे से प्रभावित किसानों को बीज, डीजल और कृषि ऋण में सहूलियत देने के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है. इसे जल्दी से जल्दी मंजूर कराने की कोशिश की जाएगी. आपात योजना के तहत कृषि ऋण की ब्याज दर में रियायत, सब्सिडी वाला डीजल और जरूरी बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है. पूर्वानुमान में बताया गया है कि मानसून उत्तरार्ध में कम बरसेगा.
घटते संसाधनों के साथ खेती पर बढ़ते दबाव का विस्तार से जिक्र किया गया. इस दबाव को घटाने का एक मात्र रास्ता फसलों की उत्पादकता को बढ़ाना रह गया है. इसके लिए कृषि अनुसंधान पर खास जोर दिया जाएगा, जो फिलहाल हाशिये पर चला गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाद में एक ट्वीट में लिखा कि मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक में कृषि व ग्रामीण अर्थव्यवस्था का जायजा लिया गया. इसमें किसानों की मुसीबतें कम करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया गया.
गौरतलब है कि बैठक से पहले कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि कमजोर मॉनसून की संभावनाओं के मद्देनजर सभी राज्यों को ऐडवाइजरी जारी कर दी गई है और उनसे हर संभव तैयारियां करने के लिए कहा गया है. सिंह ने बताया कि देश में खाद्यान्न की कमी नहीं है, इसलिए हमारा पूरा ध्यान इसके उचित भंडारण और सप्लाई व्यवस्था पर है.
खबरों के हवाले से बताया गया है कि मंत्रालय ने इसके लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व नेशनल मिशन ऑन सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के मद से भी सूखा प्रभावित क्षेत्रों में वित्तीय मदद दी जाएगी. इसके अलावा खराब पड़े नलकूपों की मरम्मत, नहरों और जलाशयों की सफाई को भी प्राथमिकता दी जाएगी.
ज्ञात्वय रहे कि नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के समय लोगों से वादा किया था कि अच्छे दिन आने वाले हैं. जबकि मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस बार मानसून पहले की तुलना में कमजोर रहेगा. इसलिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर हाल में महंगाई को काबू में रखना चाहते हैं. इसके लिये आवश्क है कि कृषि उत्पादन को बढ़ाये रखा जाये.