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भारत अवसरों की भूमि: मोदी

नई दिल्ली | एजेंसी: प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशी निवेशकों से भारत में निवेश करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार देश में विदेशी निवेश की मात्रा को बढ़ाने के लिये उन्हें कई तरह की सुविधाएं मुहैय्या करा रही है. नरेंद्र मोदी ने रविवार को सातवें वाइब्रैंट गुजरात वैश्विक निवेश सम्मेलन में कहा कि उनकी सरकार देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की कोशिश कर रही है और उन्होंने वैश्विक निवेशकों से कहा कि भारत आज अवसरों की भूमि है.

मोदी के साथ सम्मेलन के मंच पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून, अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी और विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम तथा कई देशों के मंत्री और कई वैश्विक कंपनियों के मुख्य कार्यकार अधिकारी भी उपस्थित थे.

यहां महात्मा मंदिर में आयोजित सम्मेलन में मोदी ने कहा, “सात महीने की छोटी अवधि में हम हताशा और अनिश्चितता का माहौल बदलने में कामयाब हुए हैं.”

उन्होंने कहा, “पहले दिन से ही मेरी सरकार अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की कोशिश कर रही है.”

मोदी ने सम्मेलन में कहा कि भारत को लेकर जबरदस्त कुतूहल जगा है और दुनिया भर के देश हमारे साथ काम करने के लिए आगे आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज भारत अवसर की भूमि है.

उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ऐसा नीतिगत माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके बारे में भरोसे से कुछ कहा जा सके, जो पारदर्शी हो और जो न्यायोचित हो.”

उन्होंने कहा, “हम समस्या से जिस प्रकार निपटते रहे हैं, उसे बदलने की जरूरत है. मंदी को हमेशा कारोबार और उद्योग के प्रसंग में देखा जाता रहा है.”

उन्होंने कहा, “क्या हमने कभी सोचा है कि मंदी प्रति व्यक्ति आय कम रहने का परिणाम है.”

प्रधानमंत्री ने कहा, “क्या हमने कभी इसके निदान के लिए आम आदमी की रोजगारपरकता, आय और क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए सोचा है?”

उन्होंने कहा कि सरकार देश की आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति में बदलाव और सुधार के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें जीवन स्तर भी शामिल है.

उन्होंने कहा, “हम देश में सहयोगी संघवाद को बढ़ावा देना चाहते हैं. इसके साथ ही हम विभिन्न राज्यों के बीच प्रतियोगिता भी चाहते हैं.”

मोदी ने कहा, “मैं इसे संघवाद का नया रूप यानी, सहयोगी और प्रतिस्पर्धी संघवाद कहता हूं.”

उन्होंने कहा, “यह सम्मेलन संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा जमावड़ा है, जहां एक छोटे उद्यमी को भी विश्व बैंक के अध्यक्ष को देखने का अवसर मिलता है.”

उन्होंने कहा, “और जहां एक युवा किसान खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विचार सुन सकता है.”

मंच पर मौजूद गणमान्य अतिथियों से उन्होंने कहा, “आपकी उपस्थिति ने छह करोड़ गुजरातियों की उद्यमिता की भावना को बढ़ाया है और 1.2 अरब भारतीयों का मनोबल ऊंचा किया है.”

उन्होंने इस आरोप को गलत बताया कि वह सिर्फ लोकप्रियता भुनाने के लिए वादे करते हैं.

मोदी ने कहा, “हम सिर्फ वादे और घोषणाएं ही नहीं करते. बल्कि नीति और कार्य के स्तर पर ठोस पहल भी करते हैं.”

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से सिर्फ चार महीने में 10 करोड़ बैंक खाते खुलवाए, रेलवे क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति दी, रक्षा और बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई को अनुमति दी.

उन्होंने कहा, “कभी-कभी ऐसा लगता है कि मोदी काफी प्रचार करते रहते हैं. हम इसलिए ऐसा करते हैं कि सरकार में तेजी से सुधार हो.”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि टिकाऊ विकास, जलवायु परिवर्तन और समावेशी विकास जैसे मुद्दों पर वैश्विक पहल करने के लिए 2015 महत्वपूर्ण वर्ष है.

उन्होंने कहा, “यह मानवता के लिए महत्वपूर्ण वर्ष है.”

अमjrke के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम पूरी दुनिया के लिए लाभकर है. केरी ने मोदी को दूरदर्शी नेता कहा.

विश्व बैंक प्रमुख जिम योंग किम ने कहा कि मोदी गरीबी मिटाने में महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं.

मोदी और केरी ने पेरिस आतंकी हमले के मृतकों को भी श्रद्धांजलि दी.

दोनों ही नेताओं ने कहा कि सभी देशों को यह दिखाने के लिए तैयार रहना चाहिए कि वे सभी प्रकार के आतंकवाद को मुकाबला करने के लिए कृतसंकल्प हैं.

सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने कहा कि वह अपने कारोबार में अगले 18 महीने में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी.

कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि आदित्य बिड़ला समूह गुजरात में अपनी मौजूदा कारोबारी गतिविधियों में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा.

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