मोदी कर रहें हमारी नकल: कांग्रेस
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: कांग्रेस ने भाजपा के एजेंडे को अपनी नकल बताया. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि “यह भाषण नकल किया हुआ दस्तावेज है, लेकिन आपको अंग्रेजी के किसी अच्छे जानकार से कम से कम इसकी भाषा बदलवा लेना चाहिए था. भाषण में उल्लिखित 90 फीसदी योजनाओं पर हमारी सरकार ने काम पूरा कर दिया है.” आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में उल्लिखित अधिकांश कार्यक्रम कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान शुरू हुए और उन्हें क्रियान्वित भी किए गए हैं.
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि यह सिमट कर एक क्षेत्रीय पार्टी बन गई है. भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा, “हम पहले जनादेश का विश्लेषण करते हैं. कांग्रेस 55 सालों तक देश में शासन करती आई है. इसके पास आज सिर्फ 44 सांसद हैं. भाजपा ने 428 उम्मीदवार खड़े किए और इसके 282 उम्मीदवार जीत कर आए.”
सतारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए आजाद ने कहा, “जनादेश, सत्ता और पैसा कभी एक के पास टिक कर नहीं रहती, यह एक-दूसरे के पास स्थानांतरित होती रहती है.” आजाद ने कहा, “कांग्रेस रचनात्मक विपक्ष की भूमिका अदा करेगी. कांग्रेस एक जिम्मेदार और विश्व की एक सबसे पुरानी पार्टी है. भाजपा को भले हमसे ज्यादा जनादेश मिला हो, लेकिन हमारी नीतियां और कार्यक्रम हमेशा जनता के लिए रही हैं और रहेंगी.”
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा, “मैं हमेशा चकित रहता था कि उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है. पार्टियां राज्य में एक-दूसरे से लड़ रही थीं और दिल्ली में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का समर्थन कर रही थीं. देश की जनता यह सब देख रही थी और इन पार्टियों को सबक सिखाया गया.”
रूड़ी ने कहा कि अब रोजगार सृजन पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “आप सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं. आप यह महसूस करेंगे कि जनता रोजगार चाहती है. हम कैसे इसका सृजन करेंगे? उद्योगपतियों ने अमरीका में निवेश किया है, लेकिन वे हमारे देश को छोड़ चुके हैं.”
राष्ट्रपति ने सोमवार को संसद में अपने अभिभाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के एजेंडे की रूपरेखा पेश की थी, जिसमें कौशल विकास, जल संरक्षण व लघु-सिंचाई, पर्यटन को बढ़ावा, स्थायी विकास, कृषि को लाभकारी उद्यम बनाने, गंगा की सफाई जैसे मुख्य बातें शामिल थीं.