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अखिलेश चलाएंगे मंत्रियों पर तलवार

लखनऊ | एजेंसी: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा की सरकार को लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार और प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चिंतित हैं. बीते 23 दिनों से ‘डैमेज कंट्रोल’ में जुटे अखिलेश ने संगठन से लेकर आला अफसरों के बाद कुछ मंत्रियों पर पर गाज गिराने की तैयारी कर रहे हैं. यह खबर फैलने के बाद मंत्रियों की धड़कनें बढ़ गई हैं. सत्ता के गलियारों से जो सूचनाएं निकली हैं, उसके अनुसार इसी माह लगभग एक दर्जन मंत्रियों को हटाकर कुछ नए लोगों को लाया जाएगा. सूत्रों के अनुसार छह से ज्यादा वरिष्ठ मंत्रियों ने स्वयं ही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से मिलकर संगठन में काम करने की इच्छा जताई है.

गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से अखिलेश ने सबसे पहले राज्य कार्यकारणी भंग की, उसके बाद मुख्यमंत्री की हैसियत से तीन दर्जन राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त ओहदेदारों की लाल बत्ती छीन ली. वहीं रविवार को जीते हुए लोकसभा क्षेत्रों और रामपुर के जिलाध्यक्ष को छोड़कर सभी को हटा दिया गया.

सोमवार को दिनभर सपा मुख्यालय पर हटाए गए अधिकांश जिलाध्यक्ष जुट गए, लेकिन मुख्यमंत्री किसी से नहीं मिले. अंदर से सूचना आई कि पूरी ओवरहालिंग के बाद ही मुख्यमंत्री मिलेंगे.

इस बीच खबर यह भी आई कि तीन दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के खिलाफ लिखित शिकायत आई है, जिसमें शिवपाल यादव, आजम खां, दुर्गा प्रसाद यादव, विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह, कैलाश चौरसिया, अभिषेक मिश्रा व कुछ अन्य का नाम नहीं है.

सूत्रों ने तो यहां तक दावा किया कि 19 जून से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले ही इन मंत्रियों को हटाया जाना है. लेकिन नेताजी अभी इस पक्ष में नहीं हैं कि सदन की कार्रवाई के दौरान विपक्ष में यह संदेश जाए कि सरकार हताश है.

सपा मामलों के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र उत्तम ने कहा कि अब सपा में नया युग शुरू हो रहा है और जल्द ही सरकार और संगठन में नए चेहरे नजर आएंगे. अखिलेश को नेताजी ने जैसा चाहें, वैसा करने के लिए छह माह का समय दिया है. अगर स्थिति नहीं संभली तो 2015 में मुलायम खुद कमान संभालेंगे.

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