राष्ट्र

मोदी का रेडियो पर ‘मन की बात’

नई दिल्ली | एजेंसी: प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को आकाशवाणी के माध्यम से देशवासियों से अपनी क्षमता पहचानने का अनुरोध किया. गौरतलब है कि मई माह में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने पहली बार आकाशवाणी से देश की जनता को संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रतीक कथा का सहारा लेते हुए उन्होंने अपने आह्वान को प्रभावशाली बनाने की चेष्टा की. उन्होंने हर दो माह पर रविवार के दिन नियमित तौर पर ‘मन की बात’ की कहने का वादा किया.

आकाशवाणी की वेबसाइट के मुताबिक, देशभर में उसके 413 केंद्र हैं और देश की 99 प्रतिशत आबादी तक इस माध्यम की पहुंच है.

बीबीसी के मुताबिक, इस कार्यक्रम के प्रचार पर सरकार ने एक करोड़ से भी ज्यादा रुपये खर्च किए हैं.

स्वच्छ भारत अभियान छेड़ने के एक दिन बाद आकाशवाणी से मोदी ने ढेर सारे मुद्दों पर बात की.

स्वच्छता को बढ़ावा देने के अपने प्रयास का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से नौ दोस्तों से संपर्क साधने की अपील की और कहा कि उन नौ में से प्रत्येक दूसरे नौ लोगों का ध्यान दिलाएं. उन्होंने कहा कि देश का हर व्यक्ति स्वच्छ भारत से जुड़े.

लोगों को विजयादशमी के मौके पर बधाई देते हुए मोदी ने कहा, “यह विजयादशमी हमें हमारे चारों तरफ फैली गंदगी से मुक्ति दिलाए.”

“कल हमने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और हम चाहते हैं कि आप सभी इससे जुड़ें.”

प्रधानमंत्री ने लोगों से खादी के उत्पाद खरीदने का आग्रह किया और कहा कि देश भर के खादी ग्रामोद्योग भवन के बिक्री केंद्रों में अभी इन उत्पादों पर दी जा रही छूट का लाभ उठाएं.

उन्होंने कहा, “खादी का कुछ भी खरीदिए. यह हथकरघा का हो सकता है, चादर, कुछ भी..खादी की एक वस्तु एक गरीब के घर में दिया जलाने में मददगार होगा.”

मोदी ने जनता से प्रेरक घटनाओं को साझा करने की अपील की, जिसका जिक्र वह नियमित रूप से रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान करेंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे लोगों के रोचक सुझाव मिले हैं. यह देश हर किसी का है, लोगों से जुड़ना आवश्यक है. किसी ने सुझाव दिया है कि कुटीर उद्योग पर जोर देना चाहिए, किसी और ने पांचवीं कक्षा के बाद परीक्षा आयोजित कराने के सुझाव दिए हैं.”

उन्होंने कहा, “मैं लोगों से सबूत के साथ वास्तविक प्रेरक घटनाओं को मुझसे साझा करने की अपील करता हूं. मैं उसे देश के साथ साझा करूंगा.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हर व्यक्ति एक कदम साथ बढ़ाएगा तो देश सवा सौ करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा.

उन्होंने कहा, “अगर कोई देश को लेकर अपने विचार व सुझाव मुझसे साझा करना चाहता है, वे ऐसा करें. मुझे आप लोगों से बात कर आनंद मिलता है.”

उन्होंने कहा कि विकलांग बच्चे पूरे समाज की जिम्मेदारी हैं.

प्रधानमंत्री ने गौतम पाल नामक व्यक्ति के सुझाव को साझा किया, जिसने नगर निगमों और पंचायतों द्वारा विकलांग बच्चों के लिए कार्यक्रम चलाए जाने का सुझाव दिया था.

मोदी ने कहा, “विकलांग बच्चे पूरे समाज की जिम्मेदारी हैं. हो सकता है कि भगवान ने उस बच्चे के लिए एक खास परिवार को चुना हो, लेकिन ऐसे बच्चे पूरे देश की जिम्मेदारी हैं.”

प्रधानमंत्री ने गुजरात के अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उनके राज्य के बच्चों ने एथेंस में स्पेशल ओलंपिक में कई पदक जीते थे.

मोदी ने कहा, “मैंने उन बच्चों को अपने घर बुलाया और उनके साथ दो घंटे बिताया. वह मेरे जीवन का बेहद प्रेरणादायी पल था.”

उन्होंने कहा, “मैं काफी भावुक हो गया था, जिसके बाद मैंने गुजरात में विकलांग बच्चों के लिए ओलंपिक का आयोजन कराया.”

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी के बाद मोदी ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो रेडियो के माध्यम से देशवासियों से जुड़े हैं.

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