छत्तीसगढ़ में मनरेगा का भुगतान लंबित नहीं
रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ को मनरेगा के अंतर्गत दी जाने वाली मज़दूरी का कोई भुगतान राशि केंद्र के पास लंबित नहीं है. ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी मंगलवार को लोकसभा में दी.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रोजगार गारंटी योजना मांग आधारित मज़दूरी रोजगार कार्यक्रम है. केंद्र सरकार द्वारा डीबीटी के तहत पीएएफएमएस के माध्यम से राज्य सरकार से फंड ट्रांसफर आर्डर यानी एफटीओ प्राप्त किया जाता है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एफटीओ प्राप्त करने के बाद राष्ट्रीय इलैक्ट्रानिक निधि प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से लाभार्थी के बैंक/डाकघर खाते में सीधे मज़दूरी का भुगतान किया जाता है.
उन्होंने कहा कि एकीकृत कार्य योजना यानी आईएपी के जिन 4 ज़िलों में अपवाद के रुप में अक्टूबर 2020 तक नकद भुगतान का प्रावधान किया गया है, उन ज़िलों को छोड़ कर छत्तीसगढ़ राज्य के लिये मज़दूरी का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जा रहा है.
उन्होंने दावा किया कि मनरेगा के तहत 11 सितंबर तक मज़दूरी भुगतान का कोई मामला लंबित नहीं है.
हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि लंबित एफटीओ के कुछ मामले दस राज्यों में हैं. इनमें पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक 39757.05 लाख रुपये, उत्तरप्रदेश में 12178.28 लाख, पंजाब में 6386.81 लाख, मध्यप्रदेश में 5923.87 लाख, हिमाचल में 4673.55 लाख, मिजोरम में 4150.89 लाख, झारखंड में 2686.56 लाख, आंध्र प्रदेश में 2283.26 और पुदुचेरी में 74.12 लाख बकाया है.