माओवादियों का पैसा म्यूचुअल फंड में?
रांची | संवाददाता: क्या माओवादियों का पैसा म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा रहा है? कम से कम रांची में एनआईए को तो इस बात का भरोसा है कि कुछ माओवादी लेवी से वसूले गये करोड़ों रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं.
एनआईए की टीम ने इसी आधार पर शहर के हेसल इलाके के संदीप टावर और बेड़ो स्थित विकास म्यूचुअल बेनीफिट निधि लिमिटेड के दफ्तर पर छापा मार कर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. दो दिनों तक चली जांच के बाद एनआईए की टीम ने दो लैपटॉप, दो सीपीयू समेत कुछ अन्य सामग्री भी जब्त की है.
गौरतलब है कि 23 मार्च के दिन लातेहार जिले से माओवादियों के दो कथित सहयोगी चांपी कोट्टाम निवासी संतोष उरांव और बाजकुम के रौशन उरांव को गिरफ्तार किया गया था. माना जा रहा है कि दोनों ही माओवादियों के नाम पर की गई वसूली को खुद और रिश्तेदारों के नाम म्यूचुअल फंड में निवेश करते थे. दोनों ही माओवादी सहयोगियों को एनआई ने सात दिनों की रिमांड पर लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है.
इससे पहले 19 जनवरी को भी एनआईए ने एक मामला दर्ज किया था और माओवादियों के आर्थिक निवेश की जानकारी जुटाई जा रही थी. बालूमाथ थाने में दर्ज मामले के बाद एनआईए की जानकारी में यह बात सामने आई थी कि माओवादी नेता छोटू खैरवार ने तीन लाख रुपये का निवेश किया है, साथ ही 26.34 लाख रुपये विकास म्यूचुअल बेनीफिट निधि लिमिटेड में भी उसने लगाये हैं.
छापामारी की ताजा कार्रवाई के बाद विकास म्यूचुअल बेनीफिट दफ्तर को सील कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि इस मामले में एनआईए जल्दी ही कुछ और कंपनियों पर छापा मार सकती है.
झारखंड के अलग-अलग इलाकों से माओवादी ठेकेदारों, बीड़ी पत्ता व्यापारियों, वनोपज ठेकेदारों, नेताओं और सरकारी अधिकारियों से भी भारी रकम लेवी के नाम पर वसूलते हैं. माओवादियों का एक बड़ा धड़ा ऐसा है, जो इनमें से एक बड़ा हिस्सा संगठन में देने के बजाये खुद ही रख लेता है. ऐसे माओवादी सालों साल यह सिलसिला चलाये रखते हैं और किसी को कानों-कान खबर नहीं होती.