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वेदांता को एक रुपये में जमीन पर वित्त विभाग की सहमति नहीं

रायपुर | संवाददाता: वेदांता को एक रुपये में 50 एकड़ ज़मीन देने के छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले को वित्त विभाग ने सहमति नहीं जताई थी. वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने वेदांत कैसर अस्पताल विवाद को लेकर यह दावा किया है.

सोमवार को जारी एक बयान में मोहम्मद अकबर ने कहा कि वेदांत कैंसर अस्पताल के लिए सरकार ने मात्र एक रूपए के टोकन शुल्क पर 50 एकड़ जमीन देने का फैसला किया था. पहले किए गए एमओयू में अस्पताल के लिए एक रूपया टोकन मनी दर पर जमीन इस आधार पर देने की बात कही गई थी कि अस्पताल चेरिटी यानि धमार्थ काम करेगा. यहां गरीबों का मुफ्त में इलाज किया जाएगा. लेकिन बाद में वेदांत ने एमओयू में लिखी शर्तों को मानने से इनकार कर दिया. अस्पताल को सुपर स्पेशियालिटी बना दिया गया. अब यहां हर मरीज का इलाज व्यावसायिक दरों पर किया जाएगा.

राज्य सरकार पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य सरकार ने मामले में पहले ही यह गलती जानबूझकर की, कि वेदांत को मात्र एक रूपया टोकन शुल्क में जमीन देने का आदेश जारी किया. जबकि सरकार के ही वित्त विभाग ने इस दर पर आवंटन पर सहमति नहीं दी थी. अब मुख्यमंत्री व उनकी सरकार के आखिरी कार्यकाल का अंतिम समय आने पर सरकार अपनी इस गलती को सुधारने व छिपाने का प्रयास कर रही है. लेकिन यह बात अब किसी से छिपी नहीं है कि सरकार की रुचि छत्तीसगढ़ के गरीबों को मुफ्त में कैंसर का इलाज देने में नहीं बल्कि एक बड़े औद्योगिक घराने को मुफ्त में जमीन देने में अधिक थी.

मोहम्मद अकबर ने कहा कि राज्य सरकार के आदेश पर अब वेदांत से अस्पताल के लिए आवंटित जमीन की कीमत बाजार मूल्य के हिसाब से ली जा रही है. नया रायपुर में हेल्थ सेक्टर के लिए जमीन की दर 160 रुपए प्रति वर्गफुट निर्धारित है. मोहम्मद अकबर ने कहा कि गलती सुधारने के बाद सरकार अब प्रीमियम रेट पर उसी वेदांत को 50 एकड़ जमीन दे रही है, सरकार ने एमओयू करते समय ही यह दर क्यों लागू नहीं की. जबकि हेल्थ सेक्टर में जिन अन्य संस्थानों को जमीन दी जा रही, उनसे पहले ही प्रीमियम रेट वसूला जा रहा है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि रविवार को मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने इस विवादित अस्पताल का लोकार्पण भी किया. वे यह बात भी भली- भांति जानते हैं कि गरीबों की जमीन पर बसे नया रायपुर के इस अस्पताल में गरीबों को इलाज नहीं मिलने वाला है.

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