सांस फूलने की बीमारी से माओवादी अरविंदजी की मौत
रायपुर | संवाददाता: माओवादियों ने एक बयान जारी कर उनकी सेंट्रल कमेटी के सदस्य अरविंदजी की मौत की पुष्टि की है. माओवादियों ने कहा है कि अरविंद जी की 21 मार्च की दोपहर सांस फूलने की बीमारी से मौत हो गई. माओवादियों ने अज्ञात जगह से फोन पर कहा है कि अरविंदजी की मौत से पार्टी के भीतर मातम का माहौल है. माओवादियों की बिहार कमेटी की ओर से जारी इस बयान में अरविंद की मौत को अपूरणीय क्षति बताया गया है.
69 वर्षीय अरविंद जी की मौत को शहादत बताते हुये माओवादियों के प्रवक्ता ने कहा कि अरविंदजी पिछले 42-43 साल से माओवादी आंदोलन में सक्रिय थे. अपने बयान में माओवादी प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने इनके परिजनों को अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया. माओवादियों का कहना है कि परिजनों के इंतजार के बाद 22 मार्च 2018 को अरविंदजी का अंतिम संस्कार किया गया.
गौरतलब है कि बिहार के जहानाबाद के सुकुलचाक गांव के रहने वाले देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद उर्फ विकास उर्फ श्रवण उर्फ निशांत जी उर्फ सुजीत ने स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई करने के बाद माओवादी आंदोलन में शामिल होने की जानकारी है. बेहद दुःसाहसी माने जाने वाले इस माओवादी नेता ने पहले बिहार में माओवादी आंदोलन की कमान संभाली. सीपीआई एमएल पीपुल्स वार ग्रूप में बिहार प्रमुख का पद तो अरविंद के पास था ही, पार्टी की सेंट्रल कमेटी में भी अरविंद को शामिल किया गया था.
एमसीसी, पार्टी युनिटी और पीपुल्स वार ग्रूप के विलय के बाद जब सीपीआई माओवादी का गठन हुआ, तब भी अरविंद को पोलित ब्यूरो में शामिल किया गया था. माना जाता है कि झारखंड और बिहार की कई बड़ी घटनाओं में अरविंदजी की प्रमुख भूमिका रही है. मुठभेड़ में मारे गये पुलिसकर्मियों के शरीर में बम लगाने का आरोप भी अरविंदजी पर ही लगा था. पुलिस ने इस माओवादी नेता की मौत पर चैन की सांस ली है.
माओवादियों की ओर से जारी इस बयान में सुनिये, क्या कहा माओवादी प्रवक्ता ने-