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‘व्यापमं का सच’: मध्य प्रदेश विधानसभा में हंगामा

भोपाल | एजेंसी: मध्य प्रदेश में भाजपा द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘व्यापमं का सच’ का मामला विधानसभा में कांग्रेस ने शुक्रवार को फिर उठाया. कांग्रेस ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर चर्चा न कराए जाने पर हंगामा किया. उसके बाद वे विधानसभा से बहिर्गमन कर गए.

विधानसभा में कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने ‘व्यापमं का सच’ पुस्तक पर सदन में चर्चा न कराए जाने का मामला शून्यकाल में उठाया. उनका कहना था कि पहले उनकी ओर से इस मसले पर चर्चा कराने का स्थगन प्रस्ताव दिया गया, मगर उसे अस्वीकार कर दिया गया. इस पर कांग्रेस ने विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव की विधानसभाध्यक्ष सीताशरण शर्मा को सूचना दी.

कांग्रेस के विशेषाधिकार हनन की सूचना पर विधानसभाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि यह प्रस्ताव उनके विशेषाधिकार में है, लिहाजा वे इसका परीक्षण कराने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे. विधानसभाध्यक्ष के वक्तव्य के बाद भी विपक्ष चर्चा पर अड़ा रहा. इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई. इस बीच कांग्रेस विधायक अध्यक्ष के रवैए के खिलाफ विधानसभा से बहिर्गमन कर गए.

आपको बता दें कि कांग्रेस द्वारा व्यावसायिक परीक्षा मंडल, व्यापमं की परीक्षाओं में गड़बड़ी का मुद्दा उठाकर सरकार को लगातार घेरा जा रहा है. इसके जवाब में भाजपा ने ‘व्यापमं का सच’ नाम से एक किताब प्रकाशित कराई. यह किताब पदाधिकारियों को बांटने के साथ उन्हें हिदायत दी गई कि वे गांव-गांव में जाकर अपना पक्ष रखें.

इस किताब में कांग्रेस के शासनकाल में विधानसभा में हुई नियुक्ति का भी जिक्र था. साथ ही यह बताया गया था कि कांग्रेस ने किस तरह अपने लोगों को उपकृत करने फर्जी तरीके से नौकरियां दी हैं. इस किताब में भाजपा एक बड़ी चूक कर गई. उसने भाजपा के पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा के बेटे की नियुक्ति को भी फर्जी करार दे दिया. अब पार्टी सफाई दे रही है कि उसकी ओर से यह गलती हुई है. शर्मा के बेटे की नियुक्ति पूरी तरह वैध है.

कांग्रेस इस पुस्तक में विधानसभा की नोटशीट आदि के प्रकाशन को विधानसभा का हनन करार दे रही है. साथ ही मुद्रक व प्रकाशक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने की मांग कर रही है. इतना ही नहीं, कांग्रेस विधानसभा में भी इस मसले पर चर्चा चाहती है. वहीं सरकार इससे बचना चाह रही है.

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