राष्ट्र

धौला कुआं दुष्कर्म दोषियों को उम्रकैद

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सोमवार को धौला कुआं दुष्कर्म के पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2010 में कॉल सेंटर की एक महिला कर्मचारी का अपहरण करने और उसके साथ सामूहिक रूप से दुष्कर्म करने के एक मामले में दोषी ठहराए गए पांच अभियुक्तों को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने इसके पहले 14 अक्टूबर को पांचों आरोपियों को, 30 वर्षीया युवती का अहपरण करने और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का दोषी पाया था. इस मामले में सजा सोमवार को सुनाई गई.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने पांच दोषियों- शमशाद उर्फ खुटकन, उस्मान उर्फ काले, शाहिद उर्फ छोटा बिल्ली, इकबाल उर्फ बड़ा बिल्ली तथा कमरुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

अदालत ने दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के तत्काल बाद दोषी शाहिद अदालत कक्ष में बेहोश होकर गिर पड़ा. दोषियों के परिजनों ने फैसले पर निराशा जताई और इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही.

अदालत कक्ष दोषियों के रिश्तेदारों और मीडियाकर्मियों से भरा हुआ था. कुछ रिश्तेदार अदालत कक्ष के बाहर रोने लगे.

सरकारी वकील ने पांचों दोषियों के साथ सख्ती से पेश आने का आग्रह किया और उन्हें अधिकतम दंड देने की मांग की. उन्होंने कहा कि दोषी गंभीर अपराधों में लिप्त रहे हैं, जिसका पीड़िता के मन-मस्तिष्क पर गहरा आघात लगा है.

बचाव पक्ष के वकील ने हालांकि दया का आग्रह किया और कहा कि दोषी युवा हैं और चार वर्षो की सुनवाई के दौरान पहले ही मानसिक पीड़ा झेल चुके हैं.

वर्ष 2010 में अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले के घटनाक्रम निम्न प्रकार हैं
24 नवंबर, 2010 : एक कॉल सेंटर में काम करने वाली पूर्वोत्तर की एक युवती का पांच लोगों ने अपहरण कर लिया और उसे मंगोलपुरी इलाके में ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया.

2 दिसंबर, 2010 : पुलिस ने दो आरोपियों शमशाद उर्फ खुटकन और उस्मान उर्फ काले को हरियाणा में गिरफ्तार किया.

4 दिसंबर, 2010 : तिहाड़ जेल में हुई शिनाख्त परेड के दौरान पीड़िता ने उस्मान और शमशाद की पहचान की.

4 दिसंबर, 2010 : तीसरा आरोपी इकबाल उर्फ बड़ा बिल्ली भी गिरफ्तार.

5 दिसंबर, 2010 : चौथे आरोपी शाहिद उर्फ छोटा बिल्ली ने एक अन्य मामले में फरीदाबाद में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

6 दिसंबर, 2010 : पांचवां व अंतिम आरोपी कमरूद्दीन को हरियाणा में गिरफ्तार किया गया.

2 जून, 2014 : मामले में अंतिम जिरह शुरू हुई.

8 सितंबर, 2014 : दिल्ली की अदालत ने मामले में आदेश सुरक्षित रखा.

14 अक्टूबर, 2014 : दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में पांच लोगों को दोषी ठहराया.

17 अक्टूबर, 2014 : अदालत ने दोषियों की सजा पर आदेश सुरक्षित रखा.

20 अक्टूबर, 2014 : पांचों आरोपियों को दिल्ली की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

अपहर्ता उसे मंगोलपुरी ले गए और वहां सभी ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया. बाद में दरिंदों ने उसे सड़क किनारे निर्जन स्थान पर छोड़ दिया. बाद में सभी को हरियाणा के मेवात क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया.

इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संचालित सभी बीपीओ को आदेश जारी किया कि वे महिला कर्मचारियों को काम खत्म होने के बाद उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने का प्रबंध करें.

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