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अडानी में निवेश पर केंद्र दे जवाब-केटीआर

नई दिल्ली | डेस्क: तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति ने शनिवार अदानी समूह के शेयरों में एलआईसी और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के बड़े निवेश पर सवाल उठाए हैं. समिति ने कहा है कि इस बारे में केंद्र की मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए.

पार्टी के मंत्री और मुख्यमंत्री केसीआर के बेटे, केटी रामाराव ने कहा, “एनडीए सरकार को हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कुछ गंभीर सवालों के जवाब देने की ज़रूरत है. जीवन बीमा निगम और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के 77 हज़ार करोड़ और 80 हज़ार करोड़ रुपये अदानी समूह के शेयरों में क्यों निवेश किए गए हैं?”

केटी रामाराव ने कहा-“एसबीआई और एलआईसी को ऐसा करने के लिए उन पर किसने दबाव डाला था? इस पूरे प्रकरण में कौन उन्हें मदद दे रहा है और उकसा रहा है?”

इधर मुख्यमंत्री की बेटी के कविता ने भी एक बयान में कहा है कि केंद्र को एलआईसी, एसबीआई और पूरे बाज़ार पर इस गिरावट से जुड़े सवालों के जवाब देना चाहिए.

गौरतलब है कि अमेरिकी फॉरेंसिक फ़ाइनेंशियल कंपनी हिंडनबर्ग ने अदानी समूह को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

‘अदानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज़ पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री’ नाम की यह रिपोर्ट 24 जनवरी को प्रकाशित हुई थी.

फ़ोर्ब्स बिलिनियर्स इंडेक्स के मुताबिक गौतम अदानी की नेटवर्थ में 18 फ़ीसदी की गिरावट आई और दुनिया के अरबपतियों की फ़ोर्ब्स मैग्ज़ीन की रियल टाइम लिस्ट के मुताबिक़ वह अमीरों की सूची में चौथे स्थान से खिसककर सातवें पायदान पर पहुँच गए.

अदानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए पूरी तरह निराधार बताया है.

अदानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जालुंधवाला ने भी कहा कि अदानी ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ भारत और अमेरिका में ‘सुधारात्मक और दंडात्मक’ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.

वहीं, हिंडनबर्ग रिसर्च ने जवाब में कहा, “अभी तक अदानी ने एक भी जवाब नहीं दिया है. साथ ही जैसा कि हमें उम्मीद थी, अदानी ने धमकी का रास्ता चुना.”

“मीडिया को एक बयान में अदानी ने हमारी 106 पन्नों की, 32 हज़ार शब्दों की और 720 से ज़्यादा मिसालों वाली दो सालों में तैयार की गई रिपोर्ट को “बिना रिसर्च का” बताया और कहा कि वो हमारे ख़िलाफ़, “दंडात्मक कार्रवाई के लिए अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का मूल्यांकन कर रहे हैं.”

“जहां तक कंपनी के द्वारा क़ानूनी कार्रवाई की धमकी की बात है, तो हम साफ़ करते हैं, हम उसका स्वागत करेंगे. हम अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह से कायम हैं, और हमारे ख़िलाफ़ उठाए गए क़ानूनी कदम आधारहीन होंगे.”

“अगर अदानी गंभीर हैं, तो उन्हें अमेरिका में केस दायर करना चाहिए. दस्तावेज़ों की एक लंबी लिस्ट है. क़ानूनी प्रक्रिया के दौरान हम उनसे इनकी मांग करेंगे.”

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