कोटा से बच्चों को लाने 75 बसें रवाना
रायपुर | संवाददाता: लगभग सप्ताह भर की बहस के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान के कोटा में पढ़ने वाले लगभग 2000 बच्चों को लाने के लिये 75 बसों को भेजने की शुरुआत कर दी है. राज्य सरकार ने कहा है कि केंद्र से अनुमति मिलने के बाद बच्चों को लाया जा रहा है.
बच्चों को लेने के लिये भेजी जा रही बसों के साथ डॉक्टरों की एक टीम और एंबुलेंस भी भेजी गई है. इसके अलावा पुलिस के अधिकारी भी टीम के साथ गये हैं.
राज्य के लगभग एक लाख श्रमिक देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुये हैं. राज्य सरकार ने उनकी वापसी की भी बात कही है.
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुये कहा कि “कोटा में रह रहे बच्चों को लाने का इंतज़ाम हम कर रहे हैं. लेकिन हम चाहते हैं कि प्रदेश से बाहर फंसे हर नागरिक को, चाहे वे पढ़ने गए बच्चे हों, पर्यटक हों या फिर श्रमिक सभी को वापस लाया जा सके. केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार इन्हें वापस लाने का इंतज़ाम किया जाएगा.”
कोटा में रह रहे बच्चों को लाने का इंतज़ाम हम कर रहे हैं. लेकिन हम चाहते हैं कि प्रदेश से बाहर फंसे हर नागरिक को, चाहे वे पढ़ने गए बच्चे हों, पर्यटक हों या फिर श्रमिक सभी को वापस लाया जा सके।
केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार इन्हें वापस लाने का इंतज़ाम किया जाएगा।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 24, 2020
इससे पहले पिछले शनिवार को राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने एक बयान में कहा था कि, “छत्तीसगढ़ प्रदेश के जो बच्चे कोटा, राजस्थान में अध्ययनरत हैं और लॉकडाउन के कारण फंसे हुये हैं, अगर उनके पैरेंट्स उन्हें लाना चाहते हैं तो उनका पूरा विवरण अपने संबंधित ज़िले के कलेक्टर को उपलब्ध कराएं.”
राज्य सरकार ने बच्चों को कोटा से लाने का फ़ैसला ऐसे समय में किया था, जब उत्तरप्रदेश सरकार अपने राज्य के बच्चों को कोटा से ले आई थी और बिहार व झारखंड जैसे राज्य इसका विरोध कर रहे थे.
शाम होते-होते छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय की चौतरफ़ा आलोचना शुरु हो गई.
इसके बाद सरकार ने कोटा से छात्रों की वापसी के मामले में यू टर्न लेना शुरु कर दिया. सरकार की ओर से लॉक डाउन का हवाला देते हुये कहा गया कि अभी छात्रों को वापस नहीं लाया जायेगा.
शाम को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- “कोटा (राजस्थान) में अध्ययन कर रहे छत्तीसगढ़ के बच्चों की व्यवस्था को लेकर आज मैंने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी से बात की है. अशोक गहलोत जी ने आश्वस्त किया है कि कोटा में रह रहे बच्चों को लेकर किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है. सभी बच्चों के लिए राजस्थान सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्था कोटा में ही सुनिश्चित की जा रही है।”
लेकिन अगले ही दिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर के कहा कि “उत्तर प्रदेश सरकार कोटा में पढ़ रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को अपने राज्य में लेकर गई है. अन्य राज्य भी इस दिशा में पहल करें, ताकि बच्चों का तनाव दूर हो सके और संकट की इस घड़ी में वे परिवार के साथ रह सकें.”
उत्तर प्रदेश सरकार कोटा में पढ़ रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को अपने राज्य में लेकर गई है। अन्य राज्य भी इस दिशा में पहल करें, ताकि बच्चों का तनाव दूर हो सके और संकट की इस घड़ी में वे परिवार के साथ रह सकें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 19, 2020
मामले में पेंच तब आया, जब कुछ रसूखदार लोगों के बच्चों को कोटा से छत्तीसगढ़ आने की अनुमति दे दी गई. कुछ बच्चे कोटा से छत्तीसगढ़ पहुंच भी गये. इसके बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों से बच्चों को छत्तीसगढ़ लाने की मांग उठने लगी.
तब जा कर राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के बच्चों को कोटा से लाने की तैयारी शुरु की.