2जी: सुप्रीम कोर्ट की शरण में कनिमोझी
नई दिल्ली | एजेंसी: 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आरोपी सिद्ध डीएमके की राज्यसभा सांसद कनिमोझी ने सीबीआई के आरोप पत्र और निचली अदालत द्वारा अपने खिलाफ तय आरोपों को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) प्रमुख एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोझी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत षडयंत्र, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी जैसे आरोप लगाए गए हैं.
मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का कहना था कि डीबी रियल्टी ने दो कंपनियों कुसेगांव फ्रूट एंड वेजिटेबल्स तथा सिनेयुग लिमिटेड के माध्यम से दिसंबर 2008 और अगस्त 2009 के बीच कलैगनार टीवी में जो 200 करोड़ रुपये का निवेश किया था, उससे कनिमोझी सीधे लाभान्वित हुईं.
कनिमोझी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह केवल दो सप्ताह छह जून से 20 जून, 2007 तक कलैगनार टीवी की निदेशक रहीं और उसके वित्तीय लेनदेन से उनका कोई संबंध नहीं है इसीलिए 2जी मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत द्वारा 22 अक्टूबर 2011 को तय आरोपों और सीबीआई के आरोप पत्र को खारिज किया जाना चाहिए.
इससे पहले मार्च महीने में कनिमोझी ने आरोप निरस्त करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि टूजी मामले की जांच की निगरानी वह खुद कर रहा है और ऐसे में उच्च न्यायालय को इसकी सुनवाई का कोई हक नहीं है.