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समाज में बदलाव लाएं कानून के विद्यार्थी: पी. सतशिवम

रायपुर | एजेंसी: सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम ने कहा है कि कानून के विद्यार्थी समाज में अच्छे बदलावों के लिए कार्य करें.

उन्होंने कहा कि अच्छे बदलाव में हमेशा व्यवधान आते हैं. इन व्यवधानों और चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत होनी चाहिए. प्रधान न्यायाधीश शनिवार को नया रायपुर स्थित हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह विशेष अतिथि के रूप मं समारोह में शामिल हुए. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तु, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के. अग्निहोत्री भी समारोह में विशेष रूप से उपस्थित थे.

समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति सतशिवम ने कहा कि हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने विधि शिक्षा के क्षेत्र में देश में प्रतिष्ठा अर्जित की है. यह विश्वविद्यालय देश में विधि की पढ़ाई में एक काबिल संस्थान के रूप में सामने आया है. इस विश्वविद्यालय ने अल्प समय में ऐसी प्रतिभाएं तैयार की है, जिन्होंने न केवल अपने कार्यक्षेत्र में बल्कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि यहां विद्यार्थी समाज के वंचित और पीड़ितों को न्याय दिलाने और उनके मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा आगे आएंगे.

न्यायमूर्ति सतशिवम ने कहा कि वकालत एक सम्मानजनक पेशा है. यही कारण है कि देश और समाज में वकीलों को हमेशा सम्मानजनक स्थान मिलता है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू भी इसी पेशे से जुड़े थे. उन्होंने अपने वकालत के ज्ञान का उपयोग देश की आजादी की लड़ाई में बखूबी किया. उन्होंने कहा कि कानून के विद्यार्थियों को हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए काम करना चाहिए. विधि की पढ़ाई केवल पैसा कमाने और कैरियर बनाने के लिए नहीं है, बल्कि मानवीय मूल्यों की रक्षा का भी एक बड़ा माध्यम है.

उन्होंने कहा कि एक कामयाब इंसान बनने से पहले एक अच्छा नागरिक बनना जरूरी है. न्यायमूर्ति सतशिवम ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्था में रैगिंग स्वीकार्य नहीं है. रैगिंग से शिक्षा प्रभावित होती है. इसलिए इसकी रोकथाम के लिए कड़े से कड़े कदम उठाना चाहिए.

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