जेएनयू: अमित शाह ने मोर्चा संभाला
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: जेएनयू विवाद पर राजनाथ सिंह के बाद अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया है. उन्होंने राहुल गांधी पर हमला करते हुये उऩके राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाये हैं. अमित शाह ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि आतंकवादियों का पक्ष लिया जाना स्वीकार्य नहीं है. अमित शाह ने अपने ब्लॉग में पूछा है- “क्या यही है कांग्रेस की राष्ट्रभक्ति की नई परिभाषा? केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सफलता से निराशा और हताश कांग्रेस गहरे अवसाद से ग्रस्त है. पार्टी और उसके नेता यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस अवसाद की अवस्था में वो देश के समक्ष कैसे एक जिम्मेदार राजनीतिक दल की भूमिका निभायें.” भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय विवाद को लेकर सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रवैये पर तीखा हमला बोला. शाह ने कहा कि देश में किसी देश-विरोधी गतिविधि की अनुमति नहीं मिलेगी. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, “कोई भी नागरिक यह स्वीकार नहीं कर सकता कि देश के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में एक आतंकवादी का पक्ष लिया जाए और देश-विरोधी नारे लगाए जाएं.”
उन्होंने कहा, “लेकिन राहुल गांधी और उनके पार्टी सहयोगियों ने जेएनयू परिसर में जिस तरह के बयान दिए, उनसे साबित होता है कि उनके मन में राष्ट्रहित के लिए कोई जगह नहीं है.“The kind of statements that Rahul Gandhi and his party colleagues have delivered at the campus proves that there is no place for national interest in their thinking.”
अमित शाह ने अपने ब्लॉग में लिखा है जेएनयू में वामपंथी विचारधारा से प्रेरित कुछ मुट्ठीभर छात्रों ने निम्नलिखित राष्ट्रविरोधी नारे लगाए:
• पाकिस्तान जिंदाबाद
• गो इंडिया गो बैक
• भारत की बरबादी तक जंग रहेगी जारी
• कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी जारी
• अफ़ज़ल हम शर्मिन्दा है तेरे कातिल ज़िंदा हैं
• तुम कितने अफजल मरोगे, हर घर से अफ़ज़ल निकलेगा
• अफ़ज़ल तेरे खून से इन्कलाब आयेगा
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सह-संस्थापक मकबूल भट्ट की बरसी के मौके पर जेएनयू में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में देश-विरोधी नारे लगे थे. छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर विद्यार्थियों को इस बाबत उकसाने का आरोप है, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी हुई. इस मामले को लेकर जेएनयू सुर्खियों में है.
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कन्हैया कुमार के खिलाफ उकसाने का मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्हें शुक्रवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. हालांकि उनका दावा है कि उन्होंने देश-विरोधी नारेबाजी नहीं की थी.