राष्ट्र

5 जून से फिर जाट आन्दोलन

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: फरवरी माह में जो जाट आंदोलन शांत हो गया था वह फिर से 5 जून से शुरु हो रहा है. इसकी घोषणा अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने की हैं. जाट आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी मांगें अभी भी पूरी नहीं हुई है इसलिये उन्हें बाध्य होकर फिर से आंदोलन करना पड़ रहा है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने रविवार को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आन्दोलन शुरू करने की घोषणा की.

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे.”

हालांकि उन्होंने आन्दोलन के बारे में विस्तृत ब्योरा नहीं दिया.

सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग के समर्थन में पिछले फरवरी महीने में जाटों ने आन्दोलन किया था.

आन्दोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हुई थी और 320 लोग घायल हुए थे. इसके अतिरिक्त करोड़ों रुपये मूल्य की संपंत्ति नष्ट हुई थी.

रैली के आयोजन का ताजा निर्णय अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किया गया था. बैठक में आन्दोलन की नई पारी की तैयारी के बारे में भी चर्चा हुई थी.

मलिक ने कहा, “हमलोगों से वादा किया गया था कि जाट आरक्षण आन्दोलन के दौरान जो लोग पहले गिरफ्तार किए गए थे, उन्हें रिहा किया जाएगा और मारे गए लोगों के परिजनों या घायलों को मुआवजा दिया जाएगा. हमलोग शांतिपूर्ण ढग से रैली निकालेंगे, लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से हमलोगों को रोकने की कोशिश करेगी तो आन्दोलनकारी अपना निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं.”

जाटों और अन्य पांच जातियों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने के लिए हरियाणा सरकार ने गत 13 मई को हरियाणा पिछड़ा वर्ग (नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण) अधिनियम, 2016 को अधिसूचित किया था.

लेकिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत आरक्षण पर अंतरिम स्थगन आदेश दे दिया.

इसके बाद जाट समुदाय के लोगों ने आगामी पांच जून से फिर से आन्दोलन शुरू करने की धमकी दी. धमकी के आलोक में हरियाणा पुलिस ने गत 27 मई को कहा था कि वह किसी भी आन्दोलन से निपटने को तैयार है.

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