राष्ट्र

मोदी के खिलाफ जनता ‘परिवार’

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली में पुराने जनता परिवार के घटक दलों ने एकजुटता दिखाई. सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता दल के घटकों ने मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए पूचा कि कालाधन अब तक क्यों वापस नहीं आया. इसी के साथ ‘घर वापसी’ के मुद्दे पर केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया गया की इसकी अनदेखी की जा रही है. जनता परिवार ने मोदी सरकार पर देश में सांप्रदायिक माहौल’ खराब करने का भी आरोप लगाया. गौरतलब है कि जनता दल परिवार ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के जंतर मंतर पर ‘महाधरना’ देकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को उसके छह महीने के कामकाज को लेकर आईना दिखाया. पांचों दलों ने सरकार पर वादा खिलाफी व देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का आरोप लगाया.

महाधरना में समाजवादी पार्टी, जनता दल युनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल , जनता दल और इंडियन नेशनल लोकदल के नेताओं ने लोकसभा चुनाव के पूर्व किए गए वादों तथा धर्मातरण को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हजारों लोगों को संबोधित करने से पहले उन्हें मोदी के चुनावी भाषणों की रिकार्डिग सुनाई. उसके बाद पूछा, “इस आवाज को पहचान रहे हैं न आप? क्या आप लोगों के खाते में 15-20 लाख रुपये आ गए? पैसे चेक से मिले या सीधे खाते में आ गए?”

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार तो पैसे धर्मातरण पर खर्च कर रही है. मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान झूठे वादे किए और अब लोगों को ध्यान बंटाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.”

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ईसाइयों और मुस्लिमों का जबरन धर्मातरण कराने वाले दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों पर कार्रवाई नहीं कर रही है. नीतीश ने कहा कि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होने दिया जाएगा.

सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने कहा, “धर्मातरण भाजपा की साजिश है, वह दंगे कराना चाहती है ताकि सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान बंटा रहे.”

उत्तर प्रदेश में 300 मुस्लिमों के धर्मातरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “आगरा की घटना तो एक शुरुआत है. वे ऐसी हरकतें देशभर में करेंगे.”

उन्होंने कहा, “मोदी ने सभी बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था और विदेशों से कालाधन वापस लाकर हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा किया था. यहां तक कि लोगों से कहा कि आप सभी बैंक खाते खुलवा लें, बहुत सारे लोगों ने खुलवा भी लिए, मगर पैसा कहां गया?”

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि मोदी ने कहा कि मोदी परोक्ष रूप से धर्मातरण को बढ़ावा देकर धर्म के आधार पर देश को बांटने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “देश की आजादी के लिए मुस्लिम भी लड़े थे. उनका योगदान किसी कौम से कम नहीं है, लेकिन मोदी सरकार इस कौम की ‘घर वापसी’ कराने में लगी है.”

लालू ने कहा कि मोदी ने कहा था कि भाजपा की सरकार बनी तो कोई देश भारत को आंख नहीं दिखा सकता, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में रोज हमले हो रहे हैं, हमारे जवान मारे जा रहे हैं और उधर चीन 70 किलोमीटर तक भारत में घुस आया और ठीक उसी वक्त मोदी चीन के राष्ट्रपति के साथ गुजरात में झूला झूल रहे थे.

लालू ने कहा कि मीडिया मोदी का अतिशय प्रचार कर रहा है. कहा गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मोदी से मुलाकात करने के लिए लालायित हैं. यह सब मीडिया का खेल है, लेकिन इसमें पत्रकारों की गलती नहीं, बल्कि इन सबके मालिक ये खेल करवा रहे हैं.

उन्होंने स्वयंभू संत आसाराम बापू से भाजपा व आरएसएस के करीबी संबंध होने का आरोप भी लगाया और सवाल उठाया कि कालाधन वापस लाने की मांग को लेकर बाबा रामदेव ने इसी जंतर मंतर पर धरना दिया था, अब वह चुप क्यों हैं?

लालू ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण देने की शैली की नकल कर लोगों को हंसाया और कहा, “मोदी जब बनारस गए तो कहा, मैं खुद नहीं आया हूं, बल्कि मुझे गंगा मां ने बुलाया है. किसी को गंगा कब बुलाती हैं, यह आप सब जानते ही हैं.”

जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने जनसमूह से कहा, “आपसे अच्छे दिन लाने और बेरोजगारी मिटाने का वादा किया गया था, लेकिन क्या कुछ हो रहा है, यह आपको पता ही है. हम कालाधन पर सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ इस जगह प्रदर्शन करने जुटे हैं.”

महाधरना में पहुंचे लोगों को जेडी प्रमुख एच.डी. देवगौड़ा और इनेलो नेता दुष्यंत चौटाला सहित कई अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया.

पांचों दलों ने देश में बनाए जा रहे ‘सांप्रदायिक माहौल’ के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया.

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