राष्ट्र

जम्मू-कश्मीर में मौसम सुधरने के आसार

श्रीनगर | एजेंसी: जम्मू-कश्मीर में आई सबसे भीषण बाढ़ से मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 107 हो गई. करीब 2,500 गांवों में पानी भर गया है और संपत्ति एवं बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है. मौसम विभाग ने कहा कि ‘बुरा समय बीत चुका है.’ राज्य में बाढ़ की हालत का जायजा लेने के लिए एक दिन के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संकट से निपटने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत कर जम्मू एवं कश्मीर में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है.

वायुसेना ने राहत एवं बचाव के काम में अपने दो परिवहन विमान को शामिल करते हुए अभियान शुरू कर दिया है.

मौसम विभाग का कहना है कि रविवार से राज्य में मौसम में सुधार होगा.

मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने कहा, “रविवार से जम्मू एवं कश्मीर में अगले एक सप्ताह तक मौसम साफ रहेगा क्योंकि वर्तमान मौसम की स्थिति कमजोर पड़ने लगी है. हम कह सकते हैं कि बुरा समय बीत चुका है.”

राज्य में बाढ़ के हालात का जायजा लेने पहुंचे राजनाथ ने जम्मू हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, “बाढ़ में 107 लोगों की मौत हुई है. पिछले 60 साल में बाढ़ की यह सबसे खराब स्थिति है. करीब 2,500 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 450 पूरी तरह डूब गए हैं.”

इससे पहले श्रीनगर में राजनाथ ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें हालात की गंभीरता के बारे में बताया.

शहर में सड़क मार्ग से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, “शहर में इतनी भयावह स्थिति है तो मैं यह सोचकर हैरान हूं कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हालात होंगे.”

वह मुख्यमंत्री के साथ श्रीनगर में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा.

राजनाथ ने कहा, “मैं जम्मू एवं कश्मीर के लोगों और यहां की सरकार को आश्वस्त करना चाहता हूं कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में आपके साथ है और हम आपको हर आवश्यक सहायता देंगे.”

राजनाथ के साथ केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मामलों के मंत्री जितेंद्र सिंह भी थे. उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.

मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि राज्य सरकार की मुख्य चिंता पूरी तरह जलमग्न हो चुके क्षेत्रों के लोगों की सुरक्षा तथा उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने को लेकर है.

उन्होंने कहा कि सरकारी आधाभूत संरचनाओं एवं निजी संपत्ति को बाढ़ के कारण काफी नुकसान पहुंचा है. कई घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

आयुक्त सचिव विनोद कौल ने इससे पहले बताया था कि घाटी में 390 गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जबकि 1,225 आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ जम्मू क्षेत्र में बाढ़ के कारण 1,000 गांव प्रभावित हुए हैं.

उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण 50 पुल, सैकड़ों किलोमीटर सड़कें और बिजली संयंत्र इकाइयां क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इनसे कितना नुकसान पहुंचा है, इसका आकलन बाढ़ का पानी उतरने के बाद ही किया जा सकेगा.

कौल ने कहा कि राज्य को 25,000 शिविरों और 40,000 कंबलों की तुरंत आवश्यकता है.

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