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इराक में हिंसा: 45 मरे, 113 घायल

बगदाद | एजेंसी: बमबारी और गोलाबारी से इराक में 45 लोगों की मौत हो गई तथा 113 लोग गंभीर रूप से घायल हो गयें हैं. बगदाद पुलिस के अनुसार, बगदाद के उत्तर में स्थित निनेवेह प्रांत की राजधानी मोसुल के दक्षिण में स्थित शोरा शहर में बंदूकधारी बदमाशों ने एक मिनी बस में यात्रा कर रहे पांच जवानों की हत्या कर दी.

वहीं बगदाद के उत्तर में बालाद शहर के एक चौराहे पर एक न्यायाधीश की कार के पास हुए एक कार बम विस्फोट में न्यायाधीश समेत 21 लोगों की मौत हो गई. पूर्वोत्तर में स्थित दियाला प्रांत की राजधाानी बकूबा के पास अब्बारा शहर में सशस्त्र बदमाशों ने एक पूर्व पुलिसकर्मी की हत्या कर दी.

बकूबा शहर के मेयर अब्दुल्लाह अल-हैयाली ने बताया कि जाने माने बाजार में खड़ी एक कार में विस्फोट हो जाने से 13 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 36 अन्य लोग घायल हो गए.

एक अन्य विस्फोट बकूबा के पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक घर के पास हुआ जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई जबकि 10 अन्य घायल हो गए.

आंतरिक मंत्रालय एक सूत्र ने बताया कि बगदाद के पूर्वी भाग में स्थित अल-अमिन जिले के शिया धार्मिक विद्यालय के पास एक कार विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई और सात घायल हो गए.

बगदाद के नाहरावन इलाके में सड़क पर हुए एक बम विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए.

बगदाद के शुर्ता-अल-राबिया जिले में सड़क पर बम विस्फोट हुआ जिसमें एक नागरिक की मौत और पांच के घायल होने की खबर है.

राजधानी के शाब जिले में हुए एक बम विस्फोट में लगभग आठ लोग घायल हो गए जबकि 10 लोगों की मौत हो गई.

मदैन शहर के फुटबाल मैदान के पास एक बम विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक दुर्घटना में 14 लोग घायल हुए हैं.

बगदाद के पूर्वी जिले जियोना में कार बम विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई जबकि सात लोग घायल हो गए.

बगदाद के घजालिया जिले में सड़क पर विस्फोट हुआ जिसमें दो लोग घायल हो गए.

यूएन असिस्टेंस मिशन फॉर ईराक ने हाल ही में बताया कि ईराक में जुलाई में हुए आतंकवादी हमलों और हिंसाओं में लगभग 1,000 ईराकी मारे गए हैं और 2,300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. जुलाई माह में मरने वालों की संख्या पिछले पांच सालों में सबसे अधिक है.

पर्यवेक्षकों का मानना है कि ईराक के हाविजा शहर में 23 अप्रैल को सुन्नी अरब विरोध शिविर में सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई के बाद से हालात बिगड़ रहे हैं. गौरतलब है कि देश के मुख्य सुन्नी प्रांतों और सुन्नी जनजातियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष छिड़ा था.

सभी जगह हिंसा भड़क गई और बड़े पैमाने पर हुए विस्फोटों में हजारों ईराकी मारे गए.

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