बिलासपुर में भी हो कोरोना जांच-हाईकोर्ट
बिलासपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शराब दुकान खोलने के लिये लॉकडाउन के दौरान गठित राज्य सरकार की कमेटी की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके अलावा राज्य सरकार को अदालत ने बिलासपुर में भी कोरोना की जांच की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह निज़ामुद्दीन के तब्लीग़ी जमात मरकज़ से लौटे सभी लोगों के लिये ‘तलाशी अभियान’ जारी रखे.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सोमवार को कोरोना से संबंधित कई जनहित याचिकाओं समेत अन्य याचिकाओं पर मामलों की एक साथ सुनवाई करते हुये यह आदेश दिया है. अदालत की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के सहारे की गई.
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की पीठ ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से शपथ पत्र के साथ, निज़ामुद्दीन के तब्लीग़ी मरकज के आयोजन में शामिल लोगों और उनके संपर्क में आये लोगों की ज़िलेवार सूची प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.
गौरतलब है कि तब्लीग़ी जमात के मरकज से वापस लौटे सभी 107 लोगों की राज्य सरकार ने जांच कराने का दावा किया है. इसके अलावा उन लोगों की भी जांच की गई है, जो आयोजन वाली तारीख़ों में निजामुद्दीन के आसपास थे.
इस संबंध में सोमवार को राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने एक सूची भी प्रस्तुत की. लेकिन इस सूची को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को तब्लीग़ी जमात से लौटे और उनके संपर्क में आये लोगों की ज़िलेवार बेहतर और विस्तृत विवरण के साथ शपथपत्र पेश करना चाहिये.
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में उठाये गये क़दम पर्याप्त हैं या नहीं, इस पर बिना टिप्पणी किये हम राज्य सरकार को यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि वह तलाशी अभियान जारी रखे.
अदालत ने कहा कि यह निर्देश इसलिये ज़रुरी है क्योंकि 9 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई के बाद कोरबा ज़िले के कटघोरा में बड़ी संख्या में कोविड-19 पॉज़िटिव मामले सामने आये हैं. इस इलाके में कोविड-19 वायरस के फ़ैलने के पीछे की मुख्य वजह, एक व्यक्ति से उत्पन्न हुआ ‘चेन रिएक्शन’ है, जो निजामुद्दीन की तब्लीग़ी मरकज के आयोजन में शामिल हुआ था.
यहां गौरतलब है कि राज्य में आज की तारीख़ में कोरोना पॉज़िटिव 21 लोगों का इलाज चल रहा है और सभी लोग कोरबा ज़िले के हैं. अधिकारियों का दावा है कि तब्लीग़ी जमात के लोगों के संपर्क में आने के कारण सभी लोग कोरोना का शिकार हुये हैं.
कोरोना वायरस की जांच सुविधा को लेकर भी अदालत में बहस हुई. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के वकील ने राज्य उत्तर व मध्य के ज़िलों का उल्लेख करते हुये बिलासपुर में कोरोना जांच की सुविधा की अनुपलब्धता को लेकर भी सवाल उठाये.
गौरतलब है कि क्षेत्रफल के लिहाज से देश के नौंवे सबसे बड़े राज्य छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस की जांच की सुविधा फ़िलहाल केवल राजधानी रायपुर में उपलब्ध है.
बिलासपुर में जांच सुविधा की अनुपलब्धता का जवाब देते हुये राज्य के महाधिवक्ता ने कहा कि कोविड-19 वायरस की परीक्षण सुविधा स्थापित करने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है. जिसका केंद्र सरकार की तरफ़ से सहायक सॉलिसिटर जनरल ने विरोध करते हुये कहा कि राज्य सरकार की तरफ़ से बिलासपुर में परीक्षण सुविधा उपलब्ध कराने का कोई अनुरोध आज तक केंद्र सरकार को प्राप्त नहीं हुआ है.
इसके बाद अदालत ने राज्य और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि 3 दिन के भीतर राज्य सरकार बिलासपुर में कोविड-19 के परीक्षण की सुविधा शुरु करे और उसके बाद 3 दिनों के भीतर केंद्र सरकार उसे आवश्यक अनुमति प्रदान करे.