जीएसटी विधेयक पर बहिर्गमन
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: जीएसटी विधेयक को स्थायी समिति के हवाले किए जाने को खारिज किए जाने से विपक्ष ने बहिर्गमन किया. सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पार्टी के सदस्य विधेयक को स्थायी समिति के हवाले किए जाने की मांग कर रहे थे.
लोकसभा उपाध्यक्ष और एआईएडीएमके नेता एम. थंबीदुरई ने कहा कि विधेयक पर बहस को अनुमति दिए जाने से विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर विचार के लिए समय कम पड़ जाएगा. बीजू जनता दल के सदस्यों ने कहा कि उन्हें संशोधन के लिए समुचित समय नहीं मिला.
कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि नया संविधान संशोधन विधेयक 2011 में लाए गए विधेयक से अलग है और स्थायी समिति द्वारा इस पर विचार किया जाना चाहिए.
कांग्रेस सदस्य एम. वीरप्पा मोइली ने कहा, “यह अनुकृति नहीं है. कुछ बुनियादी अंतर हैं. विभिन्न राज्यों में आम सहमति नहीं है.”
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विधेयक पर विस्तार से चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि इस पर 2008 से राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह ने चर्चा की है.
जेटली ने कहा, “देश की प्रगति बाधित करने का किसी के पास कोई विशेषाधिकार नहीं है. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को निश्चित रूप से उस विधेयक का समर्थन करना चाहिए, जिसे उसी ने बनाया है.”
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा विपक्ष की मांग के मद्देनजर सरकार की राय पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि इस पर बहस बाद में हो सकती है, लेकिन उन्हें बहस शुरू करने के लिए परिचयात्मक वक्तव्य देने की अनुमति मिलनी चाहिए.
जेटली द्वारा विधेयक पर वक्तव्य शुरू करते ही कांग्रेस, वाम, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने सदन से बहिर्गमन किया.