राष्ट्र

राज्यपाल शंकरनारायणन का इस्तीफा

मुंबई | समाचार डेस्क: महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने रविवार को अंतत: अपने पद से इस्तीफा दे दिया. शेष काल के लिए उनका स्थानांतरण रविवार को मिजोरम कर दिया गया था जिससे वे नाराज चल रहे थे.

यहां राजभवन में मौजूद पत्रकारों से शंकरनारायणन ने कहा, “मैंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेज दिया है.”

शंकरनारायणन ने अपने फैसले को जायज ठहराते हुए कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप कर संविधान का सम्मान किया है.

उन्होंने कहा, “राज्यपाल के रूप में यहां काम करते हुए और इससे पहले झारखंड एवं नगालैंड में भी राज्यपाल रहते हुए मैंने कभी भी अपने कामकाज में राजनीति को नहीं आने दिया.”

मिजोरम भेजे जाने के फैसले के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर स्पष्ट हमला करते हुए शंकरनारायणन ने कहा, “कोई सरकार स्थायी नहीं होती है, कोई व्यक्ति भी स्थायी नहीं होता और उन्हें कुछ समय बाद बदलना होता है.”

वर्ष 2012 में महाराष्ट्र का दोबारा राज्यपाल बनाए जाने वाले शंकरनारायणन ने राज्य के लोगों को समर्थन और प्रेम देने के लिए धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा कि सोमवार से वे सिर्फ एक कांग्रेसी की तरह काम करेंगे. दशकों पूर्व एक साधारण सदस्य के रूप में कांग्रेस में शामिल होकर वे शिखर तक पहुंचे.

उन्होंने कहा, “कल से मेरे ऊपर किसी तरह की बंदिश नहीं होगी. मैं जो चाहूं कर सकता हूं, जहां चाहूं वहां मैं जा सकूंगा, अपनी पसंद के विषय पर मैं जो चाहूं बोल सकूंगा.”

इससे पहले शंकरनारायण के तबादले के बारे में राष्ट्रपति भवन से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि जब तक महाराष्ट्र के नए राज्यपाल की नियुक्ति नहीं होती, तब तक गुजरात के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे.

मिजोरम की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल को सात अगस्त को पद से हटाए जाने के बाद अब शंकरनारायणन को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उन्हें 2012 में दूसरी बार महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उनका वर्तमान कार्यकाल 2017 में पूरा होना था.

इससे पहले, शंकरनारायणन तीन साल के लिए झारखंड और नागालैंड के राज्यपाल रह चुके थे.

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