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गोबर पर विधानसभा में सरकार ने दी ग़लत जानकारी?

रायपुर | संवाददाता: क्या छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा में गोधन न्याय योजना को लेकर गलत जानकारी दी है? क्या छत्तीसगढ़ सरकार ने सदन को गुमराह किया है?

छत्तीसगढ़ ख़बर में प्रकाशित रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने एक बयान जारी कर विधानसभा के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं. इस बयान में विधानसभा का उल्लेख किए बिना, विधानसभा में सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों को ग़लत करार दिया गया है.

छत्तीसगढ़ खबर ने 27 अक्टूबर को एक ख़बर प्रकाशित की थी. इस ख़बर में 25 जुलाई 2022 को विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों को शामिल किया गया था.

लेकिन राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने इन आंकड़ों को ग़लत बताते हुए नये आंकड़े पेश किए हैं. राज्य सरकार की 27 अक्टूबर को जारी विज्ञप्ति यहां पढ़ सकते हैं.

राज्य सरकार ने गरियाबंद ज़िले के आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए कहा है कि वर्ष 2020-21 में जिला-गरियाबंद में 1,14,603 क्विंटल गोबर खरीदी की गई तथा 77,147 क्विंटल गोबर का उपयोग खाद बनाने हेतु किया गया है.

जबकि विधानसभा में 25 जुलाई 2022 को परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 24 (क्र.612) के उत्तर में जानकारी दी गई है कि 2020-21 में गरियाबंद ज़िले में 1,14,603 क्विंटल गोबर की ख़रीदी की गई और खाद (वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट एवं सुपर कंम्पोस्ट निर्माण हेतु 4125.63 क्विंटल गोबर की मात्रा का उपयोग किया गया है.

इन सवालों पर चुप्पी

छत्तीसगढ़ खबर ने अपनी रिपोर्ट में विधानसभा के जिन महत्वपूर्ण आंकड़ों के सहारे सवाल खड़े किए थे, राज्य सरकार के ताज़ा बयान में उसमें से अधिकांश आंकड़ों पर कुछ नहीं कहा है.

हमने अपनी ख़बर में विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के हवाले से जानकारी दी थी कि अगले साल यानी 2021-22 में गरियाबंद ज़िले में 52,175 क्विंटल गोबर की ख़रीदी हुई लेकिन दावा किया गया कि खाद बनाने के लिए 78,948 क्विंटल गोबर का उपयोग किया गया है.

सूरजपुर ज़िले में 22,230 क्विंटल गोबर की ख़रीदी हुई लेकिन खाद निर्माण के लिए 69,484 गोबर के उपयोग के आंकड़े काग़ज़ों में दर्ज हैं.

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िले में इस दौरान 17,559 क्विंटल गोबर की ख़रीदी हुई लेकिन खाद बनाने के लिए 31,421 क्विंटल गोबर उपलब्ध कराने की जानकारी दी गई है.

आम तौर पर गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया में 30 से 40 फीसदी की कमी आती है. यानी एक किलो गोबर से 600 से 700 ग्राम वर्मी कंपोस्ट का निर्माण होता है.

लेकिन छत्तीसगढ़ के कई ज़िलों में कमाल हो गया.

कहीं गोबर की तुलना में दोगुना से अधिक वर्मी कंपोस्ट बना दिया गया तो कहीं केवल 10 फीसदी वर्मी कंपोस्ट बनने की जानकारी दी गई है.

सरगुजा ज़िले में 2021-22 में 12,385 क्विंटल गोबर का उपयोग वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए किया गया. लेकिन इतने गोबर से 29,371 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बना लिया गया.

बस्तर ज़िले में 2020-21 में 73,199 क्विंटल गोबर से केवल 2,974 क्विंटल खाद बन पाया लेकिन अगले वर्ष 41,150 क्विंटल से 28,961 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बन गया.

बीजापुर ज़िले में भी 2020-21 में 41,433 क्विंटल गोबर से महज 642 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बन पाया.

लेकिन इसी बीजापुर में 2022-23 में जून तक के आंकड़े के अनुसार 9,387 क्विंटल गोबर से 10,797 क्विंटल खाद बना दिया गया.

एक तिहाई रह गई गोबर खरीदी

20 जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 तक के राज्य में 45,72,157.08 क्विंटल गोबर ख़रीदी हुई.

इन 254 दिनों का औसत देखें तो प्रति दिन लगभग 18,000.61 क्विंटल गोबर की ख़रीदी हुई.

राज्य सरकार जिस तरह इस योजना को प्रचारित कर रही थी, उससे अनुमान था कि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और तेज़ी से बढ़ेगा.

लेकिन मामला उलटा हो गया.

इस साल विधानसभा में जो आंकड़े पेश किये गये हैं, उससे पता चलता है कि अगले साल यानी 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक, केवल 21,27,006.39 क्विंटल की ही ख़रीदी हुई.

इस तरह इन 364 दिनों के आंकड़े को देखें तो हर दिन केवल 5843.42 क्विंटल गोबर की ही ख़रीदी हुई.

एक साल में ही 18,000.61 हज़ार क्विंटल प्रतिदिन का यह आंकड़ा घट कर केवल 5843.42 क्विंटल रह जाना, इस गोबर ख़रीदी योजना की कहानी खुद ही कह रहा है.

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