भिखारियों की जबरन नसबंदी
दंतेवाड़ा | एजेंसी: स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिए गए नसबंदी टारगेट का खामियाजा दंतेश्वरी मंदिर के सामने भीख मांगने वाले दो भिखारियों को उठाना पड़ा है. खून और त्वचा की जांच के बहाने अस्पताल ले जाने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने इनसे दो-दो सौ रुपये भी झटक लिए.
सूत्रों के मुताबिक, देवी दर्शन करने आए एक मजदूर को भी मोटरसाइकिल पर बिठाकर अस्पताल ले जाया गया और उसकी जबरन नसबंदी कर दी गई. इस प्रकरण की नगर में चर्चा है.
दंतेश्वरी शक्तिपीठ के सामने बैठ भीख मांगने वाले जगदलपुर के प्रहलाद भतरा, बनारस से आए कमल, कोटपाड़ ओड़िशा से आए पंचपात और दंतेवाड़ा के मजदूर रामू ने बताया कि शनिवार दोपहर जब वे मंदिर के सामने बैठे थे, तब एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जिसका नाम नीतीश बताया जा रहा है, उनके समीप पहुंचा और खून और त्वचा की जांच करने की बात कहकर अपनी मोटरसाइकिल में बिठाकर जिला अस्पताल ले गया.
यहां बारी-बारी से आपरेशन थिएटर में ले जाकर प्रहलाद, पंचपात और रामू की नसबंदी कर दी. नसबंदी करने के बाद उन्हें ऐसा करने की बात बताई गई. इस बात को लेकर इनके बीच काफी विवाद भी हुआ. इसी बीच प्रहलाद, रामू और पंचपात को नसबंदी कराने के एवज में 11-11 सौ रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी गई.
स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने तीनों से दो-दो सौ रुपये भी वसूल लिया. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा जबरन नसबंदी करने की डर से बचा कमल सोमवार को दंतेवाड़ा छोड़कर भाग गया है.
इस संदर्भ में जिला के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डा. आनंद गोटा ने बताया कि भिखारियों की जबरन नसबंदी करने की खबर उन्हें मीडिया कर्मियों से ही मिली है, लेकिन किसी भी पीड़ितों ने अब तक लिखित में कोई शिकायत नहीं की है.
उन्होंने बताया कि वे इस प्रकरण की अपने स्तर पर जांच करवा रहे हैं. मामला सहीं पाया गया तो दोषी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.