केरल हादसे में 110 मृत, देश में मातम
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: केरल के कोल्लाम के एक मंदिर में लगी आग से 110 लोगों की मौत हो गई. केरल के कोल्लम जिले स्थित पुत्तिंगल मंदिर में रविवार तड़के लगभग साढ़े तीन बजे बिना अनुमति आतिशबाजी की गई, जिसकी बारूदी चिंगारी ने भयंकर आग की शक्ल ले ली. इस हादसे में करीब 110 लोगों की मौत गई और 350 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात का जायजा लेने और मृतकों के प्रति शोक जताने के लिए विमान से कोल्लम पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि उनके साथ 15 चिकित्सकों की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग कोल्लम जिले के तटीय शहर परावूर स्थित पुत्तिंगल मंदिर में रविवार तड़के 3.30 बजे तब लगी, जब वहां हो रही आतिशबाजी से एक चिंगारी निकलकर उस इमारत में जा गिरी, जहां उत्सव मनाने के लिए बड़ी संख्या में उच्च क्षमता वाले पटाखे रखे थे.
आतिशबाजी के बीच देखते ही देखते पटाखों में धमाके शुरू हो गए और भयंकर आग लग गई. कुछ ही पलों में पूरी इमारत धराशायी हो गई.
मंदिर में रविवार तड़के शुरू हुई आतिशबाजी देखने के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए थे. पुत्तिंगल देवी को समर्पित यह मंदिर आमतौर पर सुबह पांच बजे खुलता है.
मंदिर परिसर में चल रहे उत्सव को कवर कर रहे पत्रकार लल्लू एस.पिल्लई ने कहा कि यह भयावह हादसा होने में सिर्फ चंद मिनट लगे. वह उस वक्त पास के एक मकान की छत पर कैमरामैन के साथ खड़े थे.
पिल्लई ने कहा, “आतिशबाजी खत्म होने में केवल आधा घंटा बाकी रह गया था, उसी दौरान एक पटाखे से एक चिंगारी उड़कर उस इमारत में जा गिरी, जहां बड़ी संख्या में उच्च क्षमता वाले पटाखे रखे हुए थे.”
उन्होंने कहा, “कुछ ही मिनटों में इमारत ढहने लगी और हमने वहां कंपन महसूस की.”
पिल्लई ने कहा, “इसके बाद वहां एकदम से कोहराम मच गया. धमाकों से कंक्रीट के टुकड़े पूरी जगह में फैल गए.”
उन्होंने बताया कि वहां से आधे किलोमीटर के दायरे में मौजूद कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए.
सूचना मिलते ही सेना, वायुसेना और नौसेना की टीमें पहुंचीं. सभी टीमों ने मिलकर बचाव अभियान चलाया और घायलों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई. मदद के लिए कोच्चि से जहाज और तमिलनाडु से कई हेलीकॉप्टर रवाना किए गए.
पुलिस ने अपराह्न् के बाद इस मामले में ठेकेदार बाप-बेटे के पांच कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया, जो कथित तौर पर आतिशबाजी कार्यक्रम के लिए जिम्मेदार बताए जाते हैं. कोल्लम जिला प्रशासन ने मंदिर परिसर में आतिशबाजी की इजाजत नहीं दी थी.
राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने हादसे की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है, साथ ही केरल पुलिस की अपराध शाखा से भी इसकी जांच कराने का ऐलान किया है.
तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य थॉमस मैथ्यू ने कहा कि अस्पताल में करीब 45 लोगों को भर्ती कराया गया है. उनमें से अधिकांश के हाथ-पैरों की हड्डियां टूट गई हैं.
मैथ्यू ने कहा कि यहां हादसे में मृत 11 लोगों के शव लाए गए और अन्य दो की यहां पहुंचने के बाद मौत हो गई. घायलों को कई अन्य अस्पतालों में भी भर्ती कराया गया है. घायलों में कई की हालत बेहद नाजुक है, इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
केरल में हुए इस भीषण हादसे के बाद समूचे देश में मातम छा गया है.
सुबह में मुख्यमंत्री चांडी से फोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वह इस दुर्भाग्यपूर्ण अग्निकांड के बाद उत्पन्न हालात का जायजा लेने के लिए जल्द ही केरल पहुंच रहे हैं.
उन्होंने मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है.
वहीं चांडी ने कोल्लम में आपात कैबिनेट बैठक के बाद मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की.
उन्होंने माना कि मंदिर में आतिशबाजी की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद यह कार्यक्रम हुआ. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मंदिर में आतिशबाजी शो पर पूरी तरह रोक लगाना भी मुश्किल है.
उन्होंने कहा कि घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी. चांडी ने कहा, “इस हादसे से हम सबकी आंख खुल जानी चाहिए और सभी को दिशा-निर्देश के पालन में सहयोग करना चाहिए.”
उधर, केरल के राज्यपाल पी. सदाशिवम ने हादसे पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने एक बयान में कहा, “इस तरह की दुखद घटनाएं पर्वो के दौरान कड़े सुरक्षा उपायों की जरूरत बताती हैं.”
भीषण हादसे को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों ने रविवार को अपने चुनावी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.
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