छत्तीसगढ़ में एक भी किसान का फसल बीमा नहीं
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में एक भी किसान की फसल का बीमा नहीं हो सका है. फसल बीमा की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. अधिकारियों का कहना है कि अभी तक फसल बीमा का वेब पोर्टल शुरु नहीं हो पाया, इसलिये ऐसी स्थिति बनी है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि जिन किसानों ने ऋण नहीं लिया है, उनकी फसलों का बीमा तो मुश्किल है. ऋण लेने वाले किसानों को ऋण के आधार पर रकम ली जा रही है और पोर्टल शुरु होने के बाद उनके डेटा को अपलोड किया जा सकता है. मुश्किल ऋण नहीं लेने वाले किसानों को होगी.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले फसल बीमा को लेकर दावे कर रहे हों लेकिन छत्तीसगढ़ में फसल बीमा हाशिये पर है. पीड़ित किसानों को 2 रुपये औ 5 रुपये का मुआवजा बांट कर बदनामी झेल चुके छत्तीसगढ़ में इस साल फसल बीमा पंजीयन का वेब पोर्टल ही शुरु नहीं हो पाया. शनिवार और रविवार के दिन को कम कर दें तो फसल बीमा में अब केवल 3 दिन बचे हैं.
पिछले साल राज्य में 12 लाख 98 हजार किसानों ने बीमा कराया था. इनमें 1 लाख 78 हजार ऐसे किसान ऐसे थे, जिन्होंने कोई ऋण नहीं लिया था. इन किसानों ने सरकारी दफ्तरों में जा कर अपना बीमा कराया था. लेकिन इस साल बीमा का पंजीयन करने वाले वेब पोर्टल में कोई एंट्री ही दर्ज नहीं हो रही है, इसलिये सरकारी अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिये हैं.
राज्य के कृषि संचालक एसएस केरकेट्टा का कहना है कि जिन किसानों ने ऋण लिया है, बैंक बिना उनसे पूछे उनकी बीमा की रकम काट ले रहे हैं. जब फसल बीमा का पोर्टल काम करना शुरु होगा तो डाटा एंट्री कर दी जायेगी. लेकिन जिन किसानों ने ऋण नहीं लिया है, वे फिलहाल बीमा नहीं करा सकते. उनका कहना है कि फसल बीमा का पोर्टल केंद्र सरकार ही खोलेगी. दूसरी ओर प्रधानमंत्री फसल बीमा के राज्य नोडल अधिकारी बीके मिश्रा का कहना है कि नये सिस्टम के नोटिफिकेशन को डिजिटलाइज कर के कंपनी को भेजा जाता है, जिसे पोर्टल में अपलोड किया जाता है. इसके लिये पूरा पोर्टल बंद करना पड़ता है. इस संबंध में केंद्र सरकार के अधिकारियों से बात हुई है.
अधिकारियों का यह भी दावा है कि बेव पोर्टल के बंद रहने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि सारा मामला बैंकों से जुड़ा हुआ है, इसलिये सारा डेटा बाद में वेब पोर्टल शुरु होते ही लोड कर दिया जायेगा. अधिकारियों ने यह भी कहा कि पोर्टल पिछले कुछ दिनों से ही मेंटेनेंस के लिये बंद था. लेकिन क्या किसी किसान की फसल बीमा की प्रविष्टि पिछले कुछ महीनों में हो सकी है, इस सवाल के उत्तर को लेकर अधिकारियों ने अनभिज्ञता जताई.