राष्ट्र

आर्थिक समीक्षा: विकास दर घटेगा

नई दिल्ली | संवाददाता: देश की विकास दर 0.5% घटने की संभावना है. वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश साल 2015-16 की आर्थिक समीक्षा में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पादन की विकास दर 7.1 फीसदी रहेगी. जबकि साल 2015-16 में देश की सकल घरेलू उत्पादन की विकास दर 7.6 फीसदी थी. आगामी वित्त वर्ष 2017-18 में विकास दर सामान्य होने की आशा है क्योंकि अपेक्षित मात्रा में नये नोट चलन में आ गये हैं. आर्थिक समीक्षा में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ लेगी तथा विकास दर 7.5 फीसदी के स्तर पर आ सकती है.

सरकार का कहना है कि विमुद्रीकरण से सकल घरेलू उत्पादन की विकास दर पर पड़ रहा प्रतिकूल असर अस्‍थायी ही रहेगा. केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली द्वारा मंगलवार संसद में पेश किये गये आर्थिक सर्वेक्षण 2017 में कहा गया है कि मार्च 2017 के आखिर तक नकदी की आपूर्ति के सामान्‍य स्‍तर पर पहुंच जाने की संभावना है, जिसके बाद अर्थव्‍यवस्‍था में फिर से सामान्‍य स्थिति बहाल हो जायेगी. अत: वर्ष 2017-18 में सकल घरेलू उत्पादन की विकास दर 6.75 फीसदी से लेकर 7.5 फीसदी तक रहने का अनुमान है.

अरुण जेटली ने संसद में बताया कि अप्रैल-नवंबर 2016 के दौरान अप्रत्यक्ष करों के संग्रह में 26.9 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी दरम्यान सातवें वेतन आयोग की सिपारिशों पर अमल करने के कारण राजस्व व्यय में 23.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

विदेश व्यापार घाटा साल 2016-17 (अप्रैल-दिसंबर) में 76.5 अरब अमरीकी डॉलर का रहा जबकि यही पिछले साल 100.1 अरब डॉलर का था. इस तरह से विदेश व्यापार घाटा घटा है.

इसी तरह सितंबर 2016 में विदेशी कर्ज का बोझ 484.3 अरब अमरीकी डॉलर का रहा जो मार्च 2016 की तुलना में 0.8 अरब अमरीकी डॉलर कम रहा.

जहां तक कृषि और उद्योग के विकास की बात है वित्त वर्ष 2015-16 में कृषि की विकास दर 1.2 फीसदी रही जो वित्त वर्ष 2016-17 में 4.1 फीसदी रहने की संभावना है. वित्त वर्ष 2016-17 में औद्योगिक क्षेत्र का विकास दर कम होकर 5.2 फीसदी पर आ जाने की संभावना है जबकि यह साल 2015-16 में 7.4 फीसदी की थी. सेवा क्षेत्र में विकास दर साल 2016-17 में भी पिछले साल के समान 8.9 फीसदी पर रहेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!