धर्म संसद के गालीबाज कालीचरण के ख़िलाफ़ FIR
रायपुर | संवाददाता: कांग्रेस नेताओं के संरक्षण और सहयोग से, रायपुर में सनातनी हिंदुओं द्वारा आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी को गाली बके जाने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में एफआईआर के बाद गांधी को गाली बकने वाले कालीचरण की गिरफ़्तारी की मांग की जा रही है.
हालांकि गांधी को गाली बकने की घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने रविवार की शाम इस मामले में एफआईआर दर्ज़ करवाने से इंकार कर दिया था.
लेकिन बाद में जब सोशल मीडिया पर आलोचना शुरु हुई तब कहीं जा कर इस मामले में एफआईआर दर्ज़ करवाया गया.
पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच की जाएगी, उसके बाद ही किसी की गिरफ़्तारी की जाएगी.
गौरतलब है कि रविवार को रायपुर में आयोजित धर्म संसद में अकोला से आए कालीचरण नामक एक साधु ने महात्मा गांधी के लिए गाली का उपयोग करते हुए, उनकी हत्या को जायज ठहराया था. कालीचरण ने इसके लिए गोडसे को हाथ जोड़ कर नमस्कार भी किया था.
कालीचरण नामक इस साधु ने कहा-“इस्लाम का टारगेट राजनीति के द्वारा राष्ट्र क़ब्ज़ाना है. उन्होंने हमारी आंखों के सामने 47 में क़ब्ज़ा लिया भइया. दो-दो क़ब्ज़ाया हमारी आंखों के सामने. ईरान, इराक़, अफ़ग़ानिस्तान तो पहले ही क़ब्ज़ा चुके थे. बांग्लादेश और पाकिस्तान हमारे सामने क़ब्ज़ाया उन्होंने, राजनीति के द्वारा क़ब्ज़ाया.”
आज़ादी के पचहत्तरवें साल में ये सुनना भी बाक़ी रह गया था.. कि कोई ढोंगी राष्ट्रपिता को इस तरह मंच से गालियाँ दें और लोग तालियाँ बजाये. वैसे ये वो देश है जहां राष्ट्रपिता को गोली मारने वाले पर भी कई साल मुक़दमा चला तो इन महाशय पर भी केस दर्ज हो गया है .
pic.twitter.com/lvublZ2Jg5— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) December 27, 2021
इसके बाद महात्मा गांधी के बारे में कालीचरण ने कहा, “मोहनदास करमचंद गांधी ने सत्यानाश कर दिया. नाथूराम गोडसे जी को नमस्कार है. मार डाला उस…को. देखो, ऑपरेशन करना बहुत ज़रूरी होता है, इन फोड़े-फुंसियों का. वरना ये कैंसर बन जाते हैं.”
इस दौरान कांग्रेस के कई नेता वहां पहली पंक्ति में उपस्थित थे. नगर निगम के सभापति और कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे मंच से अपना भाषण करके कुछ ही देर पहले सामने की पंक्ति में बैठे थे.
इसके बाद इस आयोजन के संरक्षक और कांग्रेस के विधायक रह चुके महंत रामसुंदर दास ने अपने भाषण में महात्मा गांधी को गाली बके जाने की आलोचना की और खुद को इस धर्म संसद से अलग करने की घोषणा की.