‘नोटबंदी से काला धन बेअसर रहा’
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक 30 दिसंबर तक 97% पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार 30 दिसंबर तक 500 और 1000 के 14.97 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गये जो कुल अवैध घोषित किये गये 500 और 1000 के नोटों का 97 फीसदी है. जबकि सरकार को उम्मीद थी कि करीब 5 लाख करोड़ रुपयों के 500 और 1000 के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं आने वाले. गौरतलब है कि ब्लूमबर्ग एक वित्तीय सूचना प्रदाता निजी कंपनी है.
इस तरह से यदि ब्लूमबर्ग के सूत्रों की माने तो कम से कम नोटबंदी से काले धन पर लगाम लगाने का दावा फेल हो चुका है. ब्लूमबर्ग के अनुसार नोटबंदी के कारण पिछले महीनों में आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. कैश की किल्लत बनी रही और आम लोग एटीएम और बैंकों में लाइन में खड़े रहे. इसकी वजह से आर्थिक विकास को भी चोट पहुंची है और कई क्षेत्रों में इसका व्यापक असर देखने को मिला है.
Indians Said to Deposit 97% of Notes Banned to Curb Graft
हालांकि, तमाम परेशानियों के बावजूद आम लोग मोदी सरकार के इस फैसले का लगातार समर्थन करते आ रहे हैं. अब, जब यह साफ हो रहा है कि इस कदम से कालेधन पर चोट नहीं पहुंची तो निश्चित तौर पर इस कदम पर सवाल खड़े होंगे.
इंडियन स्कूल ऑफ पॉलिटिकल इकॉनमी के ऑनरी फेलो नीलकंठ राठ ने कहा, “प्रधानमंत्री को गलत सलाह दी गई थी और सरकार इस स्थिति से निपटने को तैयार नहीं थी. सरकार की उम्मीदें झूठी साबित हुई हैं.”