दिल्ली गैंगरेप: नाबालिग आरोपी को तीन साल सज़ा
नई दिल्ली: जुवेनाइल जस्टिल बोर्ड ने गत वर्ष 16 दिसंबर को चलती बस में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एकमात्र नाबालिग अभियुक्त को तीन साल सुधार गृह में रहने की सजा सुनाई. इस अभियुक्त के बारे में पुलिस का कहना था कि उसने गैंगरेप के दौरान पीड़िता पर सबसे ज्यादा जघन्यता बरती थी.
गैंगरेप के समय अभियक्त के व्यस्क होने में कुछ ही महीने बाकी थे और इसी को लेकर देशभर में उसे नाबालिग न मानने और सख्त से सख्त सज़ा दिए जाने की मांग उठी थी. साथ ही किशोर शब्द की फिर से व्याख्या किए जाने की मांग भी की गई थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गत 22 अगस्त को किशोर के खिलाफ मामले में फैसला सुनाए जाने का आदेश किशोर न्याय बोर्ड को दे दिया था.
प्रधान दंडाधिकारी गीतांजली गोयल की अध्यक्षता वाले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने फैसला तीन बार टाला लेकिन आखिरकर सोमवार को उसने फैसला सुनाते हुए किशोर को आरोपी मानते हुए उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखी जाने का आदेश दिया है. साथ ही उसे कुछ आरोपों से बरी भी कर दिया गया है.
गौरतलब है कि दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका में चलती बस में एक 23 वर्षीया फीजियोथेरेपी की छात्रा के साथ उस वक्त सामूहिक दुष्कर्म किया गया था जब वह और उसका साथी उसमें सवार हुए थे. उस दौरान दोनों को किशोर और उसके चार साथियों द्वारा गैंगरेप करने के बाद निर्दयता से पीटा भी गया था. घटना के कुछ दिन बाद पीड़िता की सिगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी.
घटना के चार अन्य आरोपियों के खिलाफ साकेत के त्वरित न्यायालय में मामला चल रहा है और उनकी सज़ा पर फैसला आना बाकी है.