विविध

गरीबी से बुद्धिमत्ता घटती है

कोवेंट्री | एजेंसी: गरीबी आते ही किसी का दिमाग पहले की अपेक्षा मंद पड़ जाता है, तार्किक क्षमता घट जाती है और मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है. एक ताजा अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है. नए अध्ययन के मुताबिक, रुपयों की चिंता के कारण किसी का मस्तिष्क धीमा काम करने लग सकता है तथा उसका आईक्यू अचानक बहुत घट जाता है, कई बार तो 13 अंक तक घट सकता है.

इंग्लैंड के कोवेंट्री स्थित वारविक विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री आनंदी मणि एवं उनके साथी शोधकर्ताओं के अनुसार, आर्थिक परेशानी बढ़ते ही किसी की तार्किक क्षमता में जबरदस्त गिरावट आ जाती है, जैसे कि एक रात न सो पाने की वजह से चेतना में आने वाली कमी.

विज्ञान समाचारों की वेबसाइट साइंसन्यूज डॉट ऑर्ग के अनुसार, आनंद मणि का यह शोधपत्र विज्ञान पत्रिका के 30 अगस्त के अंक में प्रकाशित हुई है. इस शोधपत्र के अनुसार जरा सा भी आर्थिक लाभ मिलने के बाद गरीब व्यक्ति उन्हीं मानसिक परीक्षाओं में कहीं बेहतर प्रदर्शन करने लगता है.

वैज्ञानिकों के अनुसार, किसी व्यक्ति की मानसिक क्षमता में आया यह विकास रुपये को लेकर खत्म हुई चिंता के कारण हो सकती है.

शोधकर्ताओं द्वारा जुटाए तथ्यों से इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि रुपये की कमी से विचार शक्ति कम हो जाती है तथा इससे इस बात के कारणों को भी जाना जा सकता है कि गरीब लोग बचत कम क्यों करते हैं तथा उधार अधिक क्यों लेते हैं.

शोधपत्र के सहलेखक एवं प्रिंसटन विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्री एल्डर शफीर का सुझाव है कि नीति निर्माताओं को गरीबों द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों को सरल एवं कम किया जाना चाहिए. जैसे उन्हें कर जमा करने में सहायता प्रदान करना, कल्याण से संबंधित फॉर्मो को भरने में तथा भविष्य की योजनाएं बनाने में सहायता प्रदान करनी चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!