सीबीआई सरकार को नहीं दिखाये रिपोर्ट
नई दिल्ली| एजेंसी: सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि भ्रष्टाचार के उन मामलों में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की जांच के लिए सरकार की सहमति आवश्यक क्यों है, जिनकी निगरानी स्वयं न्यायालय कर रहा है? न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है. सरकार ने दिल्ली पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा छह-ए के तहत मिली अपनी शक्तियों को कम किए जाने पर ऐतराज जताया था. यह धारा सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे अपने अधिकारियों के खिलाफ जांच किए जाने से पहले उसकी स्वीकृति दिए जाने को आवश्यक बनाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोल स्कैम जांच को कोई बाहरी शक्ति प्रभावित नहीं करे इसे लेकर हम बेहद गंभीर हैं. कोर्ट ने कहा कि जांच प्रभावित होती है तो आपकी विश्वसनीयता कहां रह जाती है. सीबीआई से कोर्ट ने कहा कि सरकार से सूचना शेयर करने की आपकी अर्जी से यही संदेश निकलता है कि आप एक हाथ से लेना चाहते हैं और दूसरे हाथ से देना चाहते हैं. आप कानून को किसी छत के नीचे नहीं ले जाएं.
न्यायालय ने केंद्र सरकार से इस मामले में जवाब महान्यायवादी जी. ई. वाहनवती द्वारा यह बताए जाने के बाद मांगा कि यदि दिल्ली पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत सरकार को मिला यह विशेषाधिकार वापस ले लिया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे.
न्यायालय ने यह आदेश कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया.