फीका रहेगा आतिशबाजी का बाजार
रायपुर | संवाददाता: इस वर्ष दीपावली पर आतिशबाजी का बाजार सूना रहने के आसार हैं या यूं कहें कि आतिशबाजी का शौक इस बार महंगा पड़ सकता है. इसकी वजह पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल आतिशबाजी के दामों में 50 से 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी है.
दरअसल, तमिलनाडु के शिवकाशी में पिछले कुछ वर्षो में हुए हादसों के बाद परिस्थितियां भी बदल गई हैं और नियम-कानून भी सख्त हो गए हैं. दूसरी बात कि चीनी पटाखों पर अब लोगों का विश्वास भी कम हो गया है, क्योंकि ज्यादातर चीनी पटाखे सही नहीं होते और उनसे खतरा भी बना रहता है.
देशी पटाखों में खतरा अधिक होने की वजह से प्रशासन ने तेज आवाज के पटाखे बनाने और बेचने पर पहले ही रोक लगा दी है. आपूर्ति की कमी और महंगाई के कारण थोक व्यवसायी भी अपना लाभ जोड़कर चल रहे हैं.
मतलब साफ है कि पिछले वर्ष जो लोग एक हजार रुपये का पटाखा जलाते थे, उन्हें इस वर्ष वही पटाखा 1500 से 1600 रुपये में मिलेगा. 10 रुपये तक के पटाखे काफी खराब गुणवत्ता के मिलेंगे.
थोक व्यवसायियों की मानें तो 50 रुपये से नीचे अच्छा पटाखा मिलना आसान नहीं होगा. हाल के कुछ वर्षो में शिवकाशी में हुए हादसों के बाद से वहां भी आतिशबाजी का कारोबार काफी कम हो गया है. नियम-कानून भी इतने सख्त हो गए हैं कि तेज आवाज के पटाखों के अलावा अधिक बारूद वाले पटाखे बनाने पर रोक लगा दी गई है. ऊपर से महंगाई और नक्सली इलाकों में बारूद की बढ़ती खपत के अंदेशे के चलते भी प्रशासन दुकानदारों पर निगरानी रख रहा है.
पटाखों में लगने वाले कागज सहित अन्य कच्चा माल भी अब दोगुना महंगे हो गए हैं. दूसरी तरफ इस बार तमिलनाडु में मानसून भी काफी देर से आया, और वहां अब भी काफी बारिश हो रही है. बने हुए पटाखे सूख भी नहीं पाए हैं. ऊपर से महंगाई ने आतिशबाजी बाजार की कमर तोड़ दी है. थोक व्यवसायियों को पहले से आर्डर देने के बावजूद कम मात्रा में ही आतिशबाजी मिल पा रही है.
छोटे व्यापारियों को भी पहले से ही बता दिया गया है कि आपूर्ति की कमी के कारण उन्हें भी तय मात्रा में ही आतिशबाजी दी जाएगी. तेज आवाज की अपेक्षा इस बार कम आवाज और फुलझड़ी वाले पटाखों की बिक्री को वरीयता दी जाएगी.
पटाखों के थोक व्यापारी बताते हैं कि चीनी पटाखों में लाभ कम होने के कारण भारतीय व्यापारियों ने उसे बेचने से तौबा कर ली है. दिल्ली और मुबंई से कंटेनर के माध्यम से आने वाला चीनी पटाखा इस बार राजधानी के बाजार में नहीं दिखेगा. इस समय पूरे प्रदेश में राजधानी का आतिशबाजी बाजार सबसे बड़ा बाजार है.