राष्ट्र

कांग्रेस ने आप के पाले में डाली गेंद

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: कांग्रेस ने चतुराई से आप के सवाल का जवाब देते हुएं गेंद उसी के पाले में डाल दी है. कांग्रेस ने आप के 18 सवालों के जवाब में कहा है कि 16 मांगे प्रशासनिक हैं तथा उसके लिये किसी पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं है. जिसे पूरा करना सरकार का दायित्व है जिसमें कांग्रेस समर्थन देगी.

आप के बाकी के 2 सवालों के जवाब में कांग्रेस ने कहा है कि कांग्रेस विधानसभा में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने का प्रस्ताव आने पर उसका समर्थन करेगी. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात उनके चुनाव घोषणा पत्र में भी है. जहां तक लोकायुक्त का सवाल है कांग्रेस ने आप को जवाब दिया है कि दिल्ली में पहले से ही इसकी नियुक्ति हो चुकी है. कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा में लोकपाल विधेयक आने वाला है जिसका कांग्रेस समर्थन कर रही है.

कांग्रेस के जवाब के बाद आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को अपनी बैठक बुलाने का फैसला लिया है जिसमें कांग्रेस के जवाब पर चर्चा होगी. गौरतलब है कि आप ने दिल्ली के राज्यपाल नजीब जंग से सरकार बनाने के लिये 10 दिनों का समय मांगा था. इसी के साथ आम आदमी पार्टी ने भाजपा तथा कांग्रेस पर 18 सवाल दाग दिये थे. आम आदमी पार्टी चाहती है कि उसके सरकार बना लेने से पहले ही भाजपा तथा कांग्रेस उसके घोषणा पत्र को समर्थन देने की गारंटी दे. बहरहाल कांग्रेस के जवाब से आम आदमी पार्टी बचाव की मुद्रा में आ गई है.

हैरत की बात है कि आम आदमी पार्टी ने पहले कांग्रेस से जवाब मांगा था अब जवाब मिल जाने पर उसे जनता के बीच ले जाने की बात कह रही है. ऐसा लगता है कि या तो आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार बनाने से बचना चाहती है या सरकार न बना पाने का दोष भाजपा तथा कांग्रेस पर मढ़ देना चाहती है.

और भी हैरत की बात है कि आम आदमी पार्टी हर एक फैसला लेने के पहले जनता के दरबार से उस पर मुहर लगा लेनी चाहती है. यदि ऐसा ही है तो जनता ने आम आदमी पार्टी को वोट क्यों दिया था. दिल्ली के 28 विधानसभा क्षेत्र की जनता ने तो आम आदमी पार्टी पर अपना भरोसा चुनावों में ही जतला दिया था.

उसके बावजूद सरकार बनाने में आम आदमी पार्टी का रवैयै नकारात्मक है जो भारतीय लोकतंत्र के खतरनाक हो सकता है. आखिर जो राजनीतिक फैसले न ले सके उसे राजनीतिक सत्ता क्यों सौंपी जाये तथा ऐसी पार्टी चुनाव में ही क्यों उतरती है. जनता बार-बार जवाब नहीं देती है वह तो अपना पॉच साल में एक बार अपना निर्णय सुना देती है. यदि आम आदमी पार्टी इसे नहीं समझ सकती तो यह उसकी नादानी है.

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