छत्तीसगढ़ में बदनाम पुष्प स्टील पर छापा
रायपुर | विशेष संवाददाता: कोयला घोटाले में सीबीआई की टीम ने शनिवार को पुष्प स्टील के ठिकानों पर छापामारी की. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, गाजियाबाद, फरीदाबाद और दिल्ली में पुष्प स्टील्स के दफ्तरों पर सीबीआई ने छापा मारा है. सीबीआई की ताजा रिपोर्ट में पुष्प स्टील के डायरेक्टर अतुल और संजय जैन के नाम शामिल है.
सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि माइनिंग का अनुभव नहीं होने के बावजूद पुष्प स्टील्स को माइनिंग लीज दी गई.
गौरतलब है कि संजय जैन और अतुल जैन की पुष्प स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के अविश्वसनीय प्रेम के किस्से पिछले कई सालों से चर्चा में रहे हैं.
2 जून 2004 को दिल्ली में बनाई गई इस कंपनी पुष्प स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड की पेड अप कैपिटल यानी शेयर के द्वारा जुटाई गई रकम कुल जमा 2.25 लाख थी और इस कंपनी ने उसी दिन यानी कंपनी बनने वाले दिन 2 जून 2004 को ही छत्तीसगढ़ के कांकेर के कंपार्टमेंट क्रमांक 355, 356, 357, 358 और 366, 369, 370, 371, 372, 373, 374, 375 के खनन के प्रास्पेक्टिव लीज के लिये आवेदन भी कर दिया. बाद में ऐसे आवेदनों के सिलसिले चले, जिसमें दूसरी कंपनियां भी कूदीं लेकिन सरकार का आशीर्वाद पुष्प स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड पर ही था, जिसका एक अलग ही किस्सा है.
7 जनवरी 2005 को इस कंपनी के साथ रमन सिंह सरकार ने समझौता किया, जिसमें इस कंपनी ने सरकार से वादा किया कि वह राज्य में 380 करोड़ रुपये की रकम निवेश करेगी. गौर करें कि इस कंपनी के पास खुद की रकम सवा दो लाख रुपये थी और कंपनी का वायदा 380 करोड़ रुपये के निवेश का था. इस कंपनी को दुर्ग जिले के बोरई औद्योगिक क्षेत्र में 12 हेक्टेयर जमीन भी सरकार ने दे दी.
पुष्प स्टील का कहना था वह बोरई में 80 करोड़ में स्टील प्लांट, 75 करोड़ रुपये में ऊर्जा संयंत्र और 225 करोड़ रुपये कंप्लाएंट पार्ट के लिये बताये गये थे. पुष्प स्टील के स्टील प्लांट की वार्षिक क्षमता तीन लाख 15 हजार टन प्रति वर्ष बताई गई थी. लेकिन जब सरकार ने कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी दी तो अपनी तरफ से इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ा कर 4 लाख टन प्रति वर्ष बता दी गई.
छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 मई 2005 को हहलादी लौह अयस्क भंडार की 215 हेक्टेयर जमीन खनन के लिए लीज पर देने की सिफारिश की. फिर कपंनी के स्टील उत्पादन को ‘इंटीग्रेटेड स्टील’ बता कर छत्तीसगढ़ सरकार ने पुष्प स्टील को 705.33 हेक्टेयर इलाके के लिए प्रॉस्पेक्टिव लाइसेंस जारी करने की सिफारिश कर दी.
मामला हाईकोर्ट में भी गया और हाईकोर्ट ने पुष्प स्टील के खिलाफ फैसला भी सुनाया. इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा की वह सिफारिशी चिट्ठी भी सार्वजनिक की, जिसमें दुर्ग निवासी वोरा ने पुष्प स्टील को खनिज पट्टा दिये जाने के लिये सरकार को अनुरोध किया था. मामला भी भी राजनीतिक दांवपेंच में है और अब सीबीआई की जांच से इस मामले में एक नया मोड़ आने की उम्मीद जताई जा रही है.