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चिटफंड की 0.33% रकम ही लौटा पाई छत्तीसगढ़ सरकार

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों से वसूली में कांग्रेस पार्टी फिसड्डी साबित हुई है. राज्य में 2018 के चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने चिटफंड कंपनियों से एक-एक पाई वसूलने का वादा और दावा किया था.

कांग्रेस पार्टी ने चिटफंड कंपनियों पर कम से कम 10 हज़ार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था.

इसके अलावा मुख्यमंत्री रमन सिंह पर 50 हज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप भी कांग्रेस नेताओं ने लगाया था. अपनी सरकार बनने पर उन्हें जेल भेजने का दावा भी किया गया था.


लेकिन अब, जबकि राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार के पांच साल पूरे होने वाले हैं, राज्य सरकार महज 33 करोड़ 44 लाख 77 हज़ार 743 रुपए ही पीड़ितों को लौटा पाई है.

यह कांग्रेस पार्टी द्वारा बताई गई रक़म 10 हज़ार करोड़ का महज 0.33 प्रतिशत है.

अगर पैसे लौटाने की रफ़्तार यही रही तो पूरी रक़म यानी 10 हजडार करोड़ लौटाने में 1200 साल लग जाएंगे.


दिलचस्प ये है कि चिटफंड कंपनियों द्वारा जितनी रक़म की वसूली की गई, उसके लिए अपनी प्रशंसा में राज्य सरकार ने कई करोड़ सरकार विज्ञापनों में खर्च कर दिए.

इसके लिए टीवी चैनलों पर विशेष प्रायोजित कार्यक्रम बनवाए गए तो कहीं अख़बारों में इंपैक्ट विज्ञापन छपवाए गए. चौक-चौराहे पर होर्डिंग लगवाए गये तो जगह-जगह विज्ञापन प्रकाशित-प्रसारित किए गए.

साढ़े चार साल के कार्यकाल में हालत ये है कि जिन पीड़ितों से पहले ही दस्तावेज़ लिए जा चुके थे, उन्हें ऑनलाइन दस्तावेज़ अपलोड करने के दोहरे काम में उलझा दिया गया.

यह प्रक्रिया अब भी जारी है.

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