छत्तीसगढ के बच्चे बनायेंगे ओआरएस
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में दस हजार बच्चों को जीवन रक्षक घोल घर पर ही बनाना सिखाया जायेगा. इसका बीड़ा उठाया है छत्तीसगढ़ शिशु रोग अकादमी तथा समाज सेवी संस्था महावीर इंटरनेशनल ने मिलकर. गैरतलब है कि दुनिया भर में पॉच वर्ष तक की आयुवाले बच्चों की मौते शरीर में पानी तथा लवण की कमी होने से हो जाती है.
दरअसल, इन छोटे बच्चों में पतला दस्त सबसे ज्यादा होता है. दस्त होने से शरीरी में पानी की कमी हो जाती है जिससे आखिरकार, बच्चों की किडनी खराब हो जाती है. इस समय देखा यह गया है कि उनके शरीर में क्रिएटेनिन की मात्रा बढ़ जाती है. इसे नियंत्रण में रखने के लिये शरीर को पानी तथा लवण की जरूरत होती है. जिसे घर में बनाये गये जीवन रक्षक घोल से पूरी किया जा सकता है.
देखा यह गया है कि ज्यादातर लोग घर में जीवन रक्षक घोल बनाने में असमर्थ होते हैं. इसलिये इसे सिखाने के लिये छत्तीसगढ़ शिशु रोग विशेषज्ञों ने पहल की है. जिसके तहत बच्चों को इस घोल को बनाने के लिये तकनीक के माध्यम से शिक्षित किया जायेगा.
छत्तीसगढ़ शिशु रोग विशेषज्ञो ने इसके लिये महावीर इंटरनेशनल के साथ मिलकर इस सीडी बनवाई है जिसके माध्यम से करीब दस हजार बच्चों को जीवन रक्षक घोल बनाना सिखाया जायेगा. गुरुवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस सीडी का विमोचन किया. दोनों संस्थाएं स्कूली बच्चों को घरों में ही जीवन रक्षक ओ.आर.एस. घोल तैयार करने की विधि सीखाने के लिए इस माह की 29 तारीख से एक अभियान प्रारंभ करने जा रही हैं.
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शिशु अकादमी के सचिव डॉ. किरण माखीजा सहित डॉ. अनूप वर्मा, डॉ. एम.एल. राठी, डॉ. डी.के. सूर, डॉ. अश्वनी अग्रवाल, डॉ. अरूण अग्रवाल और डॉ. राठौर, महावीर इन्टरनेशनल के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लोकेश कावड़िया सहित मोतीलाल ओसवाल, पंकज गुप्ता और मोन्टी राजपूत भी उपस्थित थे.