छत्तीसगढ़ के कारण लोहे की रायल्टी बढ़ी
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के कारण देशभर में लौह अयस्क की रायल्टी 10 से बढ़कर 15 फीसदी कर दिया गया है. इससे अकेले छत्तीसगढ़ को ही एक साल में 1600 करोड़ रुपयो की रायल्टी मिलेगी. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने लौह अयस्क की रायल्टी दरों को विक्रय मूल्य के दस प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है.
इस निर्णय के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क सहित विभिन्न प्रकार के खनिजों से मिलने वाले वार्षिक राजस्व में भारी वृद्धि होने की संभावना है. केन्द्र के इस फैसले का लाभ देश के अन्य लौह अयस्क उत्पादक राज्यों को भी मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने लगभग सवा दो महीने पहले नई दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उनसे खनिज रायल्टी की दरों को बाजार मूल्य के अनुसार निर्धारित करने और विशेष रूप से छत्तीसगढ़ सहित अन्य लौह अयस्क उत्पादक राज्यों के हित में इस मुख्य खनिज की रायल्टी दर को वर्तमान बाजार मूल्य के अनुपात में पुनरीक्षित करने का अनुरोध किया था.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की यह सकारात्मक पहल अब राष्ट्रीय स्तर पर रंग ला चुकी है. बताया गया है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित केन्द्रीय मंत्रि परिषद की बैठक में लौह अयस्क की रायल्टी के दरों को दस प्रतिशत से बढ़ाकर पन्द्रह प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है. रमन सिंह ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया है.
छत्तीसगढ़ सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष 2013-14 में लौह अयस्क से 958 करोड़ 57 लाख रूपए का खनिज राजस्व प्राप्त हुआ था. उस अवधि में औसत रायल्टी तीन सौ रूपए प्रति मीटरिक टन मिल रही थी. अब चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 में सितम्बर 2014 से रायल्टी दरों में पांच प्रतिशत वृद्धि की जाती है, तो लौह अयस्क की औसत रायल्टी दर बढ़कर 450 रूपए प्रति मीटरिक टन हो जाएगी.
इसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ को वर्तमान वित्तीय वर्ष में लौह अयस्क से मिलने वाला राजस्व बढ़कर 1600 करोड़ रूपए होने का अनुमान लगाया गया है, जो अगले वित्तीय वर्ष 2015-16 में और भी बढ़कर 1800 करोड़ रूपए होना संभावित है. इस प्रकार राज्य को पिछले वित्तीय वर्ष 2013-14 की तुलना में लौह अयस्क से मिलने वाले राजस्व में इस वित्तीय वर्ष 2014-15 में 642 करोड़ रूपए की वृद्धि होने की संभावना है.