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नई खोज एवं रिसर्च जरूरी: जावड़ेकर

रायपुर | समाचार डेस्क: केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा नई खोज तथा रिसर्च देश में जरूरी है. उन्होंने छत्तीसगढ़ में देश के 23वें आईआईटी के शुभारंभ के अवसर पर अच्छी शिक्षा पर जोर देते हुये यह बातें कही. केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा मोदी सरकार इसी कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने पर जोर दे रही है. उन्होंने शिक्षा को राष्ट्रीय एजेंडा बताया.

जावड़ेकर रविवार को राजधानी रायपुर के सेजबहार स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर इसका शुभारंभ किया. यह छत्तीसगढ़ का प्रथम और देश का 23वां आईआईटी होगा. इसकी कक्षाएं भिलाई नगर में स्वयं का कैम्पस बनने तक सेजबहार स्थित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के परिसर में संचालित होंगी. अभी यह संस्थान कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग और मेकेनिकल इंजीनियरिंग के साथ शुरू हो रहा है.

जावड़ेकर ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 से माइनिंग इंजीनियरिंग ब्रांच शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने राज्य में तकनीकी शिक्षा सुविधाओं के विकास और विस्तार के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों की भी तारीफ की.

जावड़ेकर ने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ को हरसंभव सहयोग दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह में कहा कि आई.आई.टी. भिलाई इस राज्य और देश की भावी पीढ़ी का निर्माण करेगा. उन्होंने कहा, “हमारा फोकस प्राथमिक शिक्षा को गुणवतापूर्ण बनाना है. छत्तीसगढ़ को बने 16 वर्ष हो गए हैं. इन वर्षो में उच्च शिक्षा के सभी संस्थान यहां आ चुके हैं. केवल आई.आई.टी. की कमी थी, जो आज पूरी हो गयी है. मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री जावड़ेकर के प्रति आभार प्रकट किया.”

जावड़ेकर ने समारोह में आईआईटी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बधाई दी. जावड़ेकर ने कहा कि वे बड़ी कठिन परीक्षा पास करके इस संस्थान में प्रवेश पाने में सफल हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि यहां के छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश का नाम रौशन करेंगे. जावड़ेकर ने उच्च शिक्षा के साथ अनुसंधान और नवाचार पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा, “हमने गूगल, फेसबुक, ट्वीटर, विंडो, व्हाटसअप की खोज नहीं की, लेकिन इनके निर्माण और विकास में भारतीय युवाओं का भी योगदान है.”

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में 68 हजार इंजीनियर बन चुके हैं, लेकिन इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में आज की उपलब्धि स्वर्णिम मानी जाएगी. उन्होंने कहा कि भिलाई एजुकेशन हब बन रहा है.

यह देश का 23वां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान है. इसमें पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति होने तक निदेशक का दायित्व आई.आई.टी. हैदराबाद के निदेशक संभालेंगे. शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्थाएं आई.आई.टी. हैदरबाद द्वारा की जाएंगी. भिलाई नगर में आई.आई.टी. के स्थायी कैम्पस के निर्माण तक समस्त शैक्षणिक कार्य अस्थायी कैम्पस शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर सेजबहार रायपुर में संचालित किए जाएंगे.

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