रायपुर राज्य का ‘लापतागंज’
रायपुर | संवाददाता: रायपुर छत्तीसगढ़ का ‘लापतागंज’ है. रायपुर से सबसे ज्यादा लोग लापता होते हैं. पिछले साल याने 2016 में राजधानी रायपुर से 1701 लोग लापता हुये थे. इस तरह से रायपुर से रोज औसतन 4.6 लोग लापता होते हैं. पूरे छत्तीसगढ़ से पिछले साल कुल जितने लोग लापता हुये थे इसमें से रायपुर से ही करीब 17 फीसदी लापता हुये थे. रायपुर से पिछले साल 1701 लोग लापता हुये थे जिसमें से 1217 लोग वापस आ गये. उसके बाद भी 484 लोग लापता हैं. लापता होने के बाद अब तक लापता के मामले में भी रायपुर राज्य का सिरमौर है. ऐसे में रायपुर को छत्तीसगढ़ का लापतागंज कहा जाये तो गलत क्या है?
रायपुर को यह रुतबा इसलिये मन को सालता है क्योंकि यहीं पर पुलिस तथा प्रशासन के मुख्यालय स्थित हैं. जाहिर है कि ऐन पुलिस मुख्यालय वाले शहर से यदि राज्य में सबसे ज्यादा बच्चे, लड़किया तथा महिलायें गुम होती हैं तो मन तो करेगा कि सुरक्षा के लिये राज्य के अन्य शहरों की ओर रुख किया जाये.
रायपुर के बाद दुर्ग का नंबर आता है. यहां से पिछले साल 1282 लोग लापता हुये थे. पूरे छत्तीसगढ़ से जितने लोग लापता हुये थे उसमें से 13 फीसदी दुर्ग से ही हुये थे. इसके बाद बिलासपुर से 911 तथा रायगढ़ से 619 लोग लापता हुये थे.
ऐसा नहीं है कि रायपुर में साल 2016 में ही सबसे ज्यादा लोग लापता हुये थे. पिछले पांच सालों में राज्य से जितने बच्चे लापता हुये हैं उनमें सबसे ज्यादा रायपुर से 16.7 फीसदी गायब हुये हैं इसी तरह से लड़कियों तथा महिलाओं की पिछले पांच सालों में राज्य से जितनी गुमशुदगी हुई है उसका 16.9 फीसदी रायपुर से ही हुआ है.