छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में 91 फीसदी गरीब

रायपुर | संवाददाता: ‘छत्तीसगढिया सबले बढ़िया’ के उलट छत्तीसगढ़ देश में सबसे गरीब राज्य है. छत्तीसगढ़ में रहने वाले 90.79 फीसदी परिवार माह में 5 हजार से कम में अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. सवाल किया जाना चाहिये कि आज के महंगाई के जमाने में 5 हजार रुपये प्रतिमाह में अपने परिवार के लिये खाना-शिक्षा-घर की व्यवस्था कर पाना क्या संभव है. इसके उलट सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के सकल घरेलू उत्पादन को लेकर ढ़ोल पीटा जाता रहा है. जाहिर है कि छत्तीसगढ़ के विकास का फायदा महज कुछ परिवारों तक ही सिमट कर रह गया है.

छत्तीसगढ़ में केवल 3.20 फीसदी परिवार ही माह में 10 हजार रुपयों से ज्यादा कमा पाते हैं. सामाजिक-आर्थिक तथा जाति आधारित जनगणना, 2011 के अनुसार देश में औसतन 8.29 फीसदी परिवार 10 हजार रुपयों से ज्यादा कमाते हैं.

छत्तीसगढ़ में माह में 5 हजार में से 10 हजार के बीच माह में कमाने वाले 2 लाख 67 हजार 940 परिवार हैं. इस तरह से छत्तीसगढ़ के 5.92 फीसदी परिवार ही माह में 5 हजार में से 10 हजार के बीच कमाते हैं.

सामाजिक-आर्थिक तथा जाति आधारित जनगणना, 2011 के अनुसार छत्तीसगढ़ में माह में 5 हजार से कम में गुजारा करने वाले 41 लाख 06 हजार 822 परिवार हैं. इस तरह से छत्तीसगढ़ के कुल परिवारों में से 90.79 फीसदी परिवार माह में 5 हजार से कम में अपने परिवार का पेट भरते हैं.

छत्तीसगढ़ की तुलना में मध्य प्रदेश में 5.19 फीसदी परिवार माह में 10 हजार रुपयों से ज्यादा कमाते हैं. इसी तरह से उत्तर प्रदेश में 8.24 फीसदी, बिहार में 6.87, झारखंड में 7.74 फीसदी परिवार, राजस्थान में 9.61 फीसदी, ओडिशा में 4.77 फीसदी परिवार माह में 10 हजार रुपयों से ज्यादा कमाते हैं.

इसकी तुलना में पंजाब में 17.50 फीसदी परिवार, चंडीगढ़ में 22.30 फीसदी, दिल्ली में 28.50 फीसदी, महाराष्ट्र में 11.05 फीसदी 10 हजार रुपयों से ज्यादा कमा पाते हैं.

उल्लेखनीय है कि छत्त्तीगढ़ में 45 लाख 23 हजार 606 परिवार हैं जिनमें से 2 लाख 42 हजार 099 परिवार नौकरी-पेशा हैं. जाहिर है कि छत्तीसगढ़ में 5.35 फीसदी परिवार ही नौकरी-पेशा हैं. इसमें से 4.38 फीसदी सरकारी, 0.31 फीसदी सार्वजनिक क्षेत्र में तथा 0.67 फीसदी निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं.

अग्रणी छत्तीसगढ़ के दावे के बावजूद छत्त्तीगढ़ के 45 लाख 23 हजार 606 परिवारों में से केवल 81 हजार 720 परिवार ही आयकर के दायरे में आते हैं. इस तरह से केन्द्र सरकार के आकड़े गवाह हैं कि छत्तीसगढ़ में केवल 1.80 परिवार ही आयकर देने लायक कमाई करते हैं.

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