छत्तीसगढ़ के किसान बाजार के हवाले
रायपुर | विशेष संवाददाता: छत्तीसगढ़ के किसान बाजार के हवाले किये जा रहें हैं. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ कैबिनेट ने शनिवार को निर्णय लिया है कि किसानों से प्रति एकड़ 10 क्विंटल धान खरीदा जायेगा. जिसका अर्थ है कि जिस किसान के पास जिकने एकड़ की भूमि होगी उससे उसके प्रति एकड़ से 10 क्विंटल के हिसाब से धान सरकार खरीदेगी. पिछले साल के आकड़े बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के किसानों ने प्रति एकड़ 20-30 क्विंटल तक की धान की पैदावार की थी.
गौरतलब है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ के किसानों ने औसतन 35 क्विंटल धान बेचा था जो इस साल घटकर 25 क्विंटल रह जायेगी.
इस प्रकार से किसानों को मिलने वाला सरकारी संरक्षण कम हो जायेगा तथा बाजार उनसे कम से कम कीमत देकर धान लेगा. उल्लेखनीय है कि किसानों के पास अपने बचे हुए धान को रखने के लिये गोदाम नहीं होता है इसलिये उन्हें मजबूरी में अपने धान को खुले बाजार में बेचना पड़ेगा. यह जग जाहिर है कि मानव समाज में जहां से बाजार का जन्म हुआ वहीं से मानवता ने दम तोड़ दिया. इसे आसानी से समझा जा सकता है कि बिचौलिये कम कीमत पर धान खरीदने के फिराक में रहके हैं परन्कु उससे उन्हीं की झोली भरती है बाजार में चावल का मूल्य कम नहीं किया जाता है.
ज्ञात रहे कि सरकार के द्वारा खरीदे गये धान पर किसानों को समर्थन मूल्य मिलता है. किसानों को समर्थन मूल्य या न्यूनतम मूल्य देने के नेपथ्य में सोच यह है कि उन्हें उनके धान पर वाजिब दाम मिल जाये अन्यथा असंगठित किसान यदि खुले बाजार में अपना धान बेचेगा तो मुनाफे के बजाये नुकसान होगा. जिसकी परिणिती स्वरूप उनकी तबाही निश्चित है. वर्तमान में किसानों से प्रति क्विंटल 1360-1400 रुपये की दर से छत्तीसगढ़ सरकार खरीदती है जबकि खुले बाजार में इनका मूल्य 1000-1100 रुपये प्रति क्विंटल का है. इस प्रकार से छत्तीसगढ़ के किसानों को प्रचि क्विंटल धान पर 360-400 रुपये से लेकर 260-300 रुपये तक का नुकसान संभावित है.
वहीं, छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले ने रायपुर में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में बताया कि सरकार के पास पहले से ही पर्याप्त धान तथा चावल है.