छत्तीसगढ़ कई मानकों पर पीछे-नीति आयोग
रायपुर | संवाददाता: देश में सर्वाधिक गरीब राज्यों में छत्तीसगढ़ सातवें नंबर पर है. लेकिन पोषण और बच्चों व किशोरों की मृत्युदर के मामले में छत्तीसगढ़ की हालत कहीं अधिक ख़राब है.
नीति आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार देश के अलग-अलग राज्यों में पोषण से वंचित आबादी की बात करें तो छत्तीसगढ़ पूरे देश में पांचवें नंबर पर है.
छत्तीसगढ़ की 43.02 फ़ीसदी आबादी पोषण से वंचित है.
पोषण से वंचित आबादी में पहले क्रम पर बिहार है, जहां 51.88 फीसदी आबादी पोषण से वंचित है. इसी तरह झारखंड की 47.99 प्रतिशत, मप्र की 45.49 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश की 44.47 प्रतिशत आबादी पोषण से वंचित है.
बच्चों व किशोरों की मृत्यु के मामले में छत्तीसगढ़ देश में चौंथे नंबर पर है. यहां यह 3.32 प्रतिशत है. पहले नंबर पर उत्तरप्रदेश है, जहां यह प्रतिशत 4.97 है. केरल में सर्वाधिक कम केवल 0.19 प्रतिशत है.
मातृ स्वास्थ्य के मामले में वंचित आबादी की बात करें तो छत्तीसगढ़ देश में 11वें नंबर पर है. यहां की 24.70 प्रतिशत महिलाएं इससे वंचित हैं. सर्वाधिक बुरा हाल बिहार और उत्तर प्रदेश का है, जहां आबादी की क्रमशः 45.62 व 35.45 प्रतिशत आबादी मातृ स्वास्थ्य से वंचित है.
स्कूल शिक्षा से वंचितों की बात करें तो छत्तीसगढ़ इसमें 14वें नंबर पर है. राज्य की 12.47 प्रतिशत आबादी इससे वंचित है. सर्वाधिक बुरा हाल बिहार का है, जहां 26.27 प्रतिशत आबादी स्कूल से वंचित है. लक्षद्वीप और केरल में यह प्रतिशत क्रमशः 0.95 व 1.78 है.
नीति आयोग की इस रिपोर्ट के अनुसार खाना बनाने के इंधन की उपलब्धता के 2019-20 के संभावित आंकड़ों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में यहां वंचित आबादी देश में दूसरे नंबर पर है. यहां 67 प्रतिशत आबादी इससे वंचित है तो सर्वाधिक 68.10 फीसदी आबादी झारखंड में वंचित है. सबसे बेहतर स्थिति दिल्ली में 1.10 प्रतिशत है.
शौचालय से वंचित आबादी की संख्या छत्तीसगढ़ में 2019-20 में 29.20 फीसदी है. सबसे बेहतर स्थिति लक्षद्वीप में 0.20 और केरल में 1.30 प्रतिशत है.
छत्तीसगढ़ में पेयजल से वंचित आबादी का प्रतिशत 18.30 है. सबसे बुरा हाल मणिपुर का है. जहां 60.89 प्रतिशत आबादी पेयजल से वंचित है. हालांकि 2019-20 में यह संभावित आंकड़ा 28.50 है.
बिजली के मामले में छत्तीसगढ़ देश के कई राज्यों से बेहतर स्थिति में है. यहां 2019-20 में केवल 1.20 प्रतिशत आबादी के ही बिजली से वंचित होने के अनंतिम आंकड़े हैं. इसकी तुलना में उत्तर प्रदेश में यह 9 फीसदी है. गोवा में यह 0 प्रतिशत है.
आवास वंचितों की बात करें तो छत्तीसगढ़ में यह आबादी 63.31 फ़ीसदी है.देश में सर्वाधिक बुरा हाल मणिपुर का है, जहां 81.49 फीसदी आबादी इससे वंचित थी. 2019-20 में इसके 76.80 होने का अनुमान है.
अगर केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़ दें तो संपत्ति वंचितों के मामले में छत्तीसगढ़ 11वें नंबर पर है. राज्य की 14.92 फीसदी आबादी संपत्ति से वंचित है. सर्वाधिक बुरा हाल नागालैंड का है, जहां यह आंकड़ा 33.91 प्रतिशत है. पंजाब में यह सबसे कम 1.72 फीसदी है.
छत्तीसगढ़ की 5.74 फीसदी आबादी बैंक अकाउंट से वंचित है. नागालैंड में यह सर्वाधिक 28.66 फीसदी और अंडमान में सबसे कम 1.57 प्रतिशत है.