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रात भर चली अदालत, तड़के सुनाई सज़ा

कोरबा | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में आदिवासी किशोरियों की तस्करी व देह व्यापार में धकेलने के एक मामले में विशेष न्यायालय में रात भर चली सुनवाई. तड़के पाँच बजे सुनाई गई सज़ा. 6 को आजीवन कारावास, 2 को चौदह साल और 1 को दस साल की सज़ा.

गौरतलब है कि कोरबा के वनांचल लेमरू की दो आदिवासी किशोरियों को घर काम कराने के बहाने ले जाकर देह व्यापार में ढकेल दिया गया था. मामले की सुनवाई 31 जनवरी को कोरबा के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार एक्का की अदालत में शुरु हुआ.

अदालत सुबह से ही शुरु हो गई थी तथा रात 9:45 बजे फैसला आया. जिसमें 11 आरोपियों में से 6 को आजीवन कारावास, 2 को 14 साल व 1 को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई.

2 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया. रात को 1:30 बजे एक आरोपी राजेन्द्र पटेल को 212 पेज के फैसले की पहली प्रति मिली.

गौरतलब है कि 9 जून 2015 को लेमरू पुलिस ने आदिवासी नाबालिगों को देहव्यापार के कारोबार में धकेले जाने के मामले का पर्दाफाश किया था. पीड़ित नाबालिग के पिता ने पुलिस को जानकारी दी थी कि 18 मई को उनकी बेटियों को जबरन उटाकर ले जाया गया था.

जबरिया उठाकर ले जाने के बाद दोनों किशोरी को उरगा थाना अंतर्गत पहंदा स्थित एक फार्म हाउस से बरामद किया था. पीड़ित किशोरी ने पुलिस को बताया कि राजेंद्र उसकी पत्नी और एक अन्य महिला उससे जबरिया देह व्यापार करा रहे हैं.

एक किशोरी से देह व्यापार कराया जा रहा था, जबकि दूसरे किशोरी को बाहर भेजने की तैयारी की जा रही थी, इससे पहले वे पकड़ लिये गये.

मिली जानकारी के अनुसार किशोरियों से देह व्यापार कराने के एवज में ग्राहकों से 1500 रुपये वसूले जाते थे. जिनमें से 500 रुपये किशोरी को दिया जाता था तथा 1000 रुपये वे खुद रख लेते थे.

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