छग से ओड़िशा को नुकसान नहीं: रमन
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ ने महानदी जल बटवारे को लेकर ओडिशा को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बुधवार को स्पष्ट किया कि महानदी के जल ग्रहण के केवल 25 फीसदी पानी का ही राज्य ने उपयोग किया है. हीराकुद बांध का औसत बहाव 40 हजार एम. सी एम है जिसमें छत्तीसगढ़ का योगदान 35 हजार एम. सी. एम. है जबकि उससे राज्य केवल 9 हजार एम. सी. एम. पानी ही लेता है.
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा महानदी के जल के न्यायपूर्ण बंटवारे के लिये छत्तीसगढ़ वचनबद्ध है. यह बात उन्होंने ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे गए पत्र के संदर्भ में कही है.
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे अपने पत्र में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महानदी पर निर्मित सात पिकअप वियर सहित उसकी कुछ सहायक नदियों में स्वीकृत और प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं को लेकर कुछ चिंता प्रकट की है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उनकी चिंताओं का समाधान करते हुए कहा है कि हम अंतर्राज्यीय नदियों के पानी के उपयोग के लिए निर्धारित समस्त प्रावधानों का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ओड़िशा के हितों को प्रभावित किए बिना महानदी के पानी का सीमित उपयोग कर रही है. डॉ. सिंह ने कहा – ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस बारे में छत्तीसगढ़ के समक्ष कभी कोई मुद्दा नहीं उठाया. यदि वे अपनी चिंताओं से मुझे अवगत कराते तो मैं उनके समक्ष वस्तु स्थिति को स्पष्ट कर देता.
डॉ. रमन सिंह ने वस्तु स्थिति का विवरण देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 55 प्रतिशत हिस्से का पानी महानदी में जाता है. महानदी भारत के धान के कटोरे के नाम से प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा है. यह नदी और इसकी सहायक नदियों के कुल ड्रेनेज एरिया का 53.90 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में, 45.73 प्रतिशत ओड़िशा में और 0.35 प्रतिशत अन्य राज्यों में है. हीराकुद बांध तक महानदी का जलग्रहण क्षेत्र 82 हजार 432 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से 71 हजार 424 वर्ग किलोमीटर छत्तीसगढ़ में है, जो कि इसके सम्पूर्ण जल ग्रहण क्षेत्र का 86 प्रतिशत है.
हीराकुद बांध में महानदी का औसत बहाव 40 हजार 773 एम.सी.एम. है. इसमें से 35 हजार 308 एम.सी.एम. का योगदान छत्तीसगढ़ देता है, जबकि छत्तीसगढ़ द्वारा वर्तमान में मात्र लगभग 9000 एम.सी.एम. पानी का उपयोग किया जा रहा है, जो कि महानदी के हीराकुद तक उपलब्ध पानी का सिर्फ 25 प्रतिशत है.
डॉ. सिंह ने कहा कि उपरोक्त तथ्यों से यह बहुत स्पष्ट है कि महानदी के पानी में हीराकुद बांध तक छत्तीसगढ़ राज्य की 86 प्रतिशत भागीदारी होने के बावजूद हम केवल 25 प्रतिशत पानी का ही उपयोग कर रहे हैं. इससे यह भी स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ राज्य ओड़िशा की हिस्सेदारी को प्रभावित किए बिना महानदी कछार के पानी के लिए अपनी न्यायिक हिस्सेदारी से भी कम पानी का इस्तेमाल कर रहा है.