छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद समाप्ति की ओर
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने कहा है राज्य में नक्सलवाद समाप्ति की ओर हैं. राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने गत दिवस 09 फरवरी को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए केन्द्र शासन द्वारा दी जा रही सहायता की अत्यंत सराहना की. उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य शासन के प्रतिबद्ध एवं समन्वित प्रयासों से राज्य में नक्सलवाद समाप्ति की ओर है और यहां की जनता को शीघ्र ही इस समस्या से निजात मिलेगी. सम्मेलन का शुभारंभ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया. दो दिवसीय सम्मलेन में उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विभिन्न केन्द्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर शामिल हुए.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने बताया कि राज्य में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की 44 बटालियन तैनात है, जिसमें से 40 बटालियन, बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित आठ जिलों में तैनात हैं. उन्होंने राज्य शासन द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी.
राज्यपाल श्री टंडन ने बताया कि छत्तीसगढ़, देश का प्रथम राज्य है, जहां वर्ष 2013 में युवाओं को कौशल विकास का अधिकार प्रदान करने वाला अधिनियम लागू किया गया था.
इस अधिनियम के तहत छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण एवं जिला कौशल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है. कोई भी इच्छुक युवा, अधिसूचित कौशल में से स्वयं की रूचि के व्यवसाय में कौशल प्रशिक्षण लेने के लिए आवेदन कर सकता है. आवेदन प्राप्ति के 90 दिन के भीतर उसे अपेक्षित कौशल प्रशिक्षण दिलाया जायेगा.
श्री टंडन ने भारत सरकार के फ्लेगशिप प्रोग्राम जैसे स्वच्छ भारत अभियान, सभी के लिए आवास कार्यक्रमों के छत्तीसगढ़ में क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को छत्तीसगढ़ में जन अभियान बनाया गया है. ग्राम पंचायत से लेकर नगरीय निकायों तक विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से एवं जन सहयोग से स्वच्छता अभियान के क्रियान्वयन हेतु व्यापक प्रयास किये गये हैं. उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम और उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी.