छत्तीसगढ़: मृत्युभोज की जगह जीवित भोज
रायपुर | एजेंसी: पूर्व महापौर डॉ. किरणमयी नायक ने कुर्मी समाज में मृत्यु भोज की जगह जीवित भोज कराने की नई परंपरा की शुरुआत की है. समाज के लोगों ने उनके इस पहल की सराहना करते हुए इसे स्वीकृति प्रदान कर दी है.
दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सेलूद में मनवा कुर्मी क्षत्रीय समाज का तीन दिवसीय महाधिवेशन आयोजित था. जिसमें विभिन्न निर्णय लिए गए. इसमें डॉ. नायक का यह प्रस्ताव भी शामिल था.
डॉ. नायक के अनुसार उनका यह प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की पहल पर हुआ है. इसके पूर्व समाज में मृत्यु भोज पर पकवान खिलाने की परंपरा रही है, जिसे महाधिवेशन में प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया.
उसकी जगह डॉ. नायक ने एक नई पहल की शुरूआत की, जिसके अनुसार मृतक के परिवार में शोक के कार्यक्रम के तहत शोक संतप्त परिवार द्वारा मीठा पकवान बनवाने और समाज को खिलाने को अनुचित ठहराया गया और यह एक आर्थिक कुरीति भी है. इसकी जगह समाज को सदा भोजन खिलाया जाये यह आयोजन दशगात्र के दिन किया जाता है.