छत्तीसगढ़ क्रेडिट रेटिंग में फेल
नई दिल्ली | संवाददाता: छत्तीसगढ़ का कोई भी शहर शहरी विकास मंत्रालय की क्रेडिट रेटिंग में नहीं है. इससे स्मार्ट सिटी तथा अमृत मिशन के तहत स्थानीय निकाय म्युनिसिपल बांड जारी करके संसाधन नहीं जुटा पायेंगे. रविवार को शहरी विकास मंत्रालय ने देश के 94 शहरों की क्रेडिट रेटिंग की पहली सूची जारी की है. स्मार्ट सिटी मिशन तथा अमृत मिशन के लिये धन जुटाने के लिये यह रेटिंग अनिवार्य है.
गौरतलब है कि अब तक घोषित स्मार्ट सिटी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का नाम घोषित किया जा चुका है. इसके अलावा अमृत मिशन योजना (अटल नवीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन) में छत्तीसगढ़ के 9 शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर और जगदलपुर को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है.
इन शहरों में प्राथमिकता के आधार पर जल आवर्धन योजना, भूमिगत सीवरेज सह सेप्टेज प्रबंधन, पार्किंग और मनोरंजन स्थलों का विकास आदि की परियोजनायें शुरू की जायेंगी. इस मिशन के तहत इन सभी 9 शहरों के सभी घरों में नल कनेक्शन द्वारा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जायेगी. शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये आवश्यकतानुसार एनीकट, उच्च स्तरीय जलागार, जल शोधन संयंत्र और पाइप लाइन बिछाने का काम भी किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि अमृत मिशन के तहत 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों के लिये भारत सरकार अनुदान के रूप में परियोजना लागत की एक-तिहाई रकम देगी तथा 10 लाख के कम आबादी वाले शहरों के लिये अनुदान के रूप में परियोजना लागत का आधा रकम देगी. बाकी का पैसा राज्य सरकार/शहरी स्थानीय निकायों अथवा निजी निवेश के माध्यम से शेष राशि की व्यवस्था करनी पड़ेगी.
क्रेडिट रेटिंग प्रदान किये गये 94 शहर 14 राज्यों में फैले हैं. शहरी विकास मंत्रालय 5 परिवर्तनकारी सुधारों में से एक के रूप में शहरों की क्रेडिट रेटिंग को बढ़ावा दे रहा है, जिसके अंतर्गत इस वर्ष के दौरान करीब 500 शहरों और कस्बों को क्रेडिट रेटिंग प्रदान की जानी है. इन शहरों में देश की कुल शहरी आबादी का करीब 65 प्रतिशत हिस्सा रहता है.
एएए से डी तक कुल 20 रेटिंग्स में से बीबीबी- रेटिंग को ‘निवेश ग्रेड रेटिंग’ समझा गया है. बीबीबी- से नीचे रेटिंग वाले शहरों को म्युनिसिपल बांड जारी करने के लिये अपेक्षित रेटिंग हासिल करने के प्रयास करने होंगे और अपनी रेटिंग में सुधार लाना होगा.
क्रेडिट रेटिंग स्थानीय शहरी निकायों की परिसम्पत्तियों और देयताओं, राजस्व स्रोतों, पूंजी निवेश के लिये उपलब्ध संसाधनों, डबल एंट्री अकाउंटिंग प्रैक्टिस और अन्य शासन पद्धतियों के आधार पर दी जाती हैं.
शहरी स्थानीय निकायों की क्रेडिट रेटिंग के अलावा उन परियोजनाओं की अलग-अलग रेटिंग भी ऐसे बांड जारी करने के लिये महत्व रखती है, जिनके लिए म्युनिसिपल बांड के जरिये संसाधन जुटाये जाने हैं.
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इन शहरों को क्रेडिट रेटिंग मिली है-
AA+: नई दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (एनडीएमसी), नवी मुम्बई और पुणे.
AA: अहमदबाद, विशाखापट्टनम और ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कार्पोरेशन.
AA-: सूरत, नाशिक, ठाणे और पिम्परी चिंचवाड़.
A+: इंदौर, किशनगंज (राजस्थान), कोलकाता, वडोदरा (गुजरात) और वारंगल (तेलंगाना).
A: झुंझुनू (राजस्थान).
A-: अलवर, भिवाड़ी, ब्यावर, जयपुर (राजस्थान), भोपाल, जबलपुर (मध्य प्रदेश), मीरा भायंदर (महाराष्ट्र) और न्यू टाउन राजारहाट (पश्चिम बंगाल).
BBB+: अजमेर, कोटा और उदयपुर (राजस्थान), लुधियाना (पंजाब) और जामनगर (गुजरात).
BBB: काकीनाडा, अनंतपुर, कुरनूल और तिरुपति (आंध्र प्रदेश), दावणगेरे और हुबली-धारवाड़ (कर्नाटक), कोच्चि और तिरुवनंतपुरम (केरल), पणजी (गोआ), कोल्हापुर और नागपुर (महाराष्ट्र), जोधपुर, नागौर और टोंक (राजस्थान).
BBB-: अमरावती (महाराष्ट्र), बेलगावी (कर्नाटक), भड़ूच और भावनगर (गुजरात), भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर और हनुमानगढ़ (राजस्थान), चित्तूर और कड़प्पा (आंध्र प्रदेश), कटक (ओडिसा), रांची (झारखंड).
BB+: प्रोद्दातूर, नांदियाल और नेल्लौर (आंध्र प्रदेश). कोल्लम और कोझिकोड (केरल), कलोल, नडियाड और नवसारी (गुजरात), नांदेड़, शोलापुर (महाराष्ट्र), गंगापुर सिटी, धौरपुर, पाली और सवाई माधोपुर (राजस्थान).
BB: अडोनी और टाडीपत्री (आंध्र प्रदेश), द्वारका (गुजरात), आयजोल (मिजोरम), त्रिशूर (केरल). बहरामपुर, राउरकेला और संभलपुर (ओडिसा), बूंदी, चुरू, चितौड़गढ़, हिंदौन, जोधपुर और सुजानगढ़ (राजस्थान).
BB-: आदित्यपुर, चास, देवघर और गिरिडिह (झारखंड), मोरी (गुजरात), बारन और झालावाड़ (राजस्थान).
B+: बारीपदा और पुरी (ओडिसा) और हजारीबाग (झारखंड).
B: भद्रक (ओडिसा).